अभिधावृत्तिमातृका

 


मुकुलभट्टयोगदानं काव्यशास्त्रे विवेचयत।


4. . अभिधावृत्तिमातृकायाः परिचयं संक्षेपेण निरूपयत ।


अथवा


अभिधावृत्तिभेदं सोदाहरणं निरूपयत ।


5. सर्वे प्रश्नाः समाधेयाः -


तृतीयो भागः


(क) अभिधायाः प्रकारद्वयं किम् ?


(ख) ध्वनिमार्गः केन प्रतिष्ठापितः ?


(ग) वृत्तिदीपिका केन रचिता ?


(घ) मुख्याभिधावृत्ते कति प्रकाराः ?


(ङ) वाक्यशास्त्रं किम्?


(च) 'लौकिकी इतिशब्दस्य कोऽर्थः ?


(छ) मुकुलभट्टस्य जन्मभूमि कस्मिन् प्रदेशे वर्तते ?


(ज) वृत्तयः काः ?


(झ) उपाधिः कति विधः ?


(ञ) अभिधावृत्तं कतिविधिम् ?



लक्षणायाः द्विप्रकारत्वम् - शुद्धा लक्षणा, उपचारमिश्रा लक्षणा


शुद्धा लक्षणा द्विप्रकारत्वम्- उपादानलक्षणा, लक्षणलक्षणा

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मेरा नाम चन्द्रदेव त्रिपाठी 'अतुल' है । सन् 2010 में मैने इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज से स्नातक तथा 2012 मेंइलाहाबाद विश्वविद्यालय से ही एम. ए.(हिन्दी) किया, 2013 में शिक्षा-शास्त्री (बी.एड.)। तत्पश्चात जे.आर.एफ. की परीक्षा उत्तीर्ण करके एनजीबीयू में शोध कार्य । सम्प्रति सन् 2015 से श्रीमत् परमहंस संस्कृत महाविद्यालय टीकरमाफी में प्रवक्ता( आधुनिक विषय हिन्दी ) के रूप में कार्यरत हूँ ।
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