9.
इग्लैंड मगर कौन सा!-
धर्मवीर भारती ।
यात्राओं के बारे में एक बात मैंने महसूस
की है जो बड़ी अजीब है, लेकिन बहुत सच। मेरा ख्याल है कि दूसरे यात्रियों ने भी इसे
जरूर महसूस किया होगा लेकिन अचरज है कि उन्होंने कहा क्यों नहीं?
अक्सर ऐसा होता है कि इसके बहुत पहले कि हम सात समुद्र पार किसी अनदेखे देश में जायें,
उसे देखें- वह पहले से ही हमारी...
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7.रामा-महादेवी वर्मा
7.रामा-महादेवी
वर्मा
रामा हमारे यहाँ कब आया,
यह न मैं बता सकती हूँ और न मेरे भाई-बहिन। बचपन
में जिस प्रकार हम बाबूजी की विविधता भरी मेज से परिचित थे,
जिसके नीचे दोपहर के सन्नाटे में हमारे खिलौनों
की सृष्टि बसती थी, अपने लोहे के
स्प्रिंगदार विशाल पलँग को जानते थे, जिस
पर सोकर हम कच्छ-मत्स्यावतार जैसे लगते थे और माँ के शंख-घड़ियाल से घिरे ठाकुरजी...