नवीन पाठ्यक्रम तृतीय
सेमेस्टर
पूर्णाङ्काः - 75+25=100 (क्रेडिट-4)
पूर्णाङ्काः - 75+25=100 (क्रेडिट-4)
प्रथम प्रश्नपत्र- सभी छात्रों के लिए-
कारक प्रजकरम्- सिद्धान्त कौमुदी से- विभक्तिसंप्रयोग, वाक्यशुद्धीकरण ।
रचनानुवादकौमुदी-डॉ कपिलदेव द्विवेदी- अभ्यास 31 से 60- अनुवाद एवं वाक्यशुद्धीकरण ।
रचनानुवादकौमुदी-
पंचतंत्रम्-(सुहृदभेद)- गद्यपद्य व्याख्या ।
द्वितीय प्रश्नपत्र-
मेघदूतम्- पद्य संख्या 34 से पूर्वमेघ की समाप्ति तक ।
अभिज्ञानशाकुन्तलम्- चतुर्थ अंक से सप्तम् अंक तक ।
सिन्धुवादवृत्तम्- चतुर्थ यात्रावर्णन से सप्तम यात्रावर्णन तक ।
तृतीय प्रश्नपत्र-
निबन्धमंजरी -प्रो. विसम्भरनाथ
हिन्दी गद्य का इतिहास
चतुर्थ प्रश्नपत्र- नव्यव्याकरण के छात्रों के लिए-
प्रौढ़मनोरमा- शब्दरत्नसंहिता
चतुर्थ प्रश्नपत्र- साहित्य के छात्रों के लिए-
शिशुपालवधम्- 3-4 सर्ग
मृृच्छकटिकम्- 4 से 07 अंक पर्यन्त
पंचम प्रश्नपत्र-नव्यव्याकरण के छात्रों के लिए-
वैयाकरणसिद्धान्तकौमुदी-स्वरवैदिकीप्रक्रिया
पंचम प्रश्नपत्र- साहित्य के छात्रों के लिए-
साहित्यदर्पण- प्रथम द्वितीय तृतीय परिच्छेद
कादम्बरी- चन्द्रापीड वर्णन ।
षष्ठम् प्रश्नपत्र- हिन्दी के छात्रों के लिए
ध्रुवस्वामिनी
बहतीगंगा
सहजएकांकी
प्राचीनगद्यकाल एवं आधुनिक गद्यकाल
यह पाठ्यक्रम नवीनतम पाठ्यक्रम पर आधारित है जो सत्र 2024-27 के लिए निर्धारित किया गया है। NEP 2020 के अनुसार शास्त्री में कुल 09 प्रश्नपत्र होंगे ।
1. मुख्य विषय (MEJOR COURSE-01)
2. मुख्य विषय (MEJOR COURSE-02)
3. अन्तर्विषयक शास्त्रीय विषय 01 (MINOR COURSE-01)
4. बहुविषयक शास्त्रीय विषय MDC (MULTI DISCIPLINARY COURSE)
5. अन्तर्विषयक शास्त्रीय विषय 02 (MINOR COURSE-02)
6. दक्षता संवर्धक पाठ्यक्रम AEC (ABILITY ENHANCEMENT COURSE)
7. कौशल विकास पाठ्यक्रम SEC(SKILL ENHANCEMENT COURSE)
8 .मूल्य संवर्धक पाठ्यक्रम (VALUE ADD COURSE)
9. अर्हता परीक्षा (यह प्रश्नपत्र केवल उन छात्रों के लिए है जो इन्टरमीडिएट में बिना संस्कृत विषय के ही शास्त्री में प्रवेश लिए हैं)
मुख्य विषय के लिए 30 से अधिक पाठ्याक्रम दिया गया है किन्तु विषय चयन करते समय सावधानी बरतना होगा।
विषय चयन कैसे करें- संस्कृत महाविद्यालयों के पास विषयों की मान्यता मिली हुयी है जैसे साहित्य, नव्यव्याकरण, प्राचीनव्याकरण इत्यादि। प्रथम एवं द्वितीय पत्र मुख्य विषय हैं। जिन विषयों की मान्यता मिली हुयी है उन्ही विषयों को मुख्य विषय बना सकते हैं। जैसे- किसी महाविद्यालय को साहित्य एवं नव्यव्याकरण की ही मान्यता है तो वह इन्ही दो विषयों को मुख्य विषयों के रूप में चुन सकता है,वेद,पुराणेतिहास न्याय, दर्शन इत्यादि नहीं दे सकता।
प्रथम प्रश्नपत्र
मेजर कोर्स
01 |
साहित्य |
शिशुपालवधम्- महाकवि माघ- 01 से 02 सर्ग तक अभिज्ञानशाकुन्तलम्- 1-3 अ्ंक तक । मेघदूतम्- प्रारम्भ से 33 श्लोक तक । |
75 |
25 |
नव्यव्याकरण |
प्रौढ़ मनोरमा-शब्दरत्न सहिता |
75 |
25 |
|
द्वितीय प्रश्नपत्र
मेजर कोर्स
02 |
साहित्य |
साहित्य दर्पण- 01 से 04 परिच्छेद तक कादम्बरी- तारापीडवर्णन
पर्यन्त |
75 |
25 |
नव्यव्याकरण |
व्याकरण महाभाष्यम्- पस्पशाह्निकम्, द्वितीयाह्निकम्,तृतीयाह्निकम् |
75 |
25 |
तृतीय प्रश्नपत्र के लिए आवश्यक सूचना- तृतीय प्रश्नपत्र का नाम है अन्तर्विषयक शास्त्रीय विषय 01 (MINOR COURSE-01) इसमें मुख्य विषय के अतिरिक्त अन्य प्रश्नपत्रों का चयन कर सकते हैं। उदाहरण- पौरोहित्य,पुराणेतिहास,साहित्य,नव्यव्याकरण इत्यादि। ध्यान सिर्फ इतना देना है कि जो छात्र प्रथम दो प्रश्नपत्रों में नव्यव्याकरण लिया है उसे तृतीय में साहित्य अथवा अन्यविषय देना है और जो छात्र प्रथम द्वितीय प्रश्नपत्र में साहित्य लिया है तृतीय प्रश्नपत्र में अन्य विषय का चयन करना है।अर्थात जो प्रथम एवं द्वितीय प्रश्नपत्र का विषय है वह तृतीय प्रश्नपत्र में नहीं देना है।
तृतीय प्रश्नपत्र अन्तर्विषयक शास्त्रीय विषय 01 (MINOR COURSE-01) |
पौरोहित्य |
संस्कारभास्कर- चूड़ाकरणान्त, उपनयनवेदारम्भसमावर्तनान्तसंस्कारः पुरुषसूक्तम्- सम्पूर्णम्
(पूजामन्त्राणां चार्थज्ञानम्)
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75 |
25 |
पुराणेतिहास |
पुराणपर्यालोचनम्-पुराणवाङ्मयपरिचयः । पद्मपुराण- श्रीमद्भागवतमाहात्मय-
प्रारम्भ से 06 अध्याय तक । श्रीमद्भागवतमहापुराण- प्रथम स्कन्ध- अध्याय 01 से 06तक ।
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75 |
25 |
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चतुर्थ प्रश्नपत्र
बहुविषयक शास्त्रीय विषय MDC
(MULTI DISCIPLINARY COURSE) |
साहित्य |
अभिज्ञानशाकुन्तलम्- 1-2 अ्ंक तक । मेघदूतम्- प्रारम्भ से 33 श्लोक तक । सिन्धवुवादवृत्तम्-
1-3 यात्रावर्णन |
75 |
25 |
नव्यव्याकरण |
व्याकरण महाभाष्यम्- पस्पशाह्निकम्, द्वितीयाह्निकम्,तृतीयाह्निकम् |
75 |
25 |
पंचम प्रश्नपत्र में 15
विषयों में से किसी एक विषय को चुनना पड़ेगा। हिन्दी, इतिहास,भूगोल, नागरिकशास्त्र
जैसे विषयों का चयन इसी प्रश्नपत्र में करना पड़ेगा।
षष्ठ प्रश्नपत्र में किसी एक भाषा का चयन विषय के रूप में करना पड़ेगा जैसे
अंग्रेजी, कम्प्यूटर,नेपाली,फ्रेंच,जर्मन,सामान्य हिन्दी, सामान्य संस्कृत
इत्यादि।
पंचम प्रश्नपत्र अन्तर्विषयक शास्त्रीय विषय 02 (MINOR COURSE-02)
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हिन्दी |
मंदाकिनी- डॉ विद्या कुमारी
चन्द्रा -कवि एवं काव्य की व्याख्या और समीक्षा
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75 |
25 |
इतिहास |
प्राचीन काल का इतिहास |
75 |
25 |
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षष्ठ प्रश्नपत्र दक्षता संवर्धक पाठ्यक्रम AEC (ABILITY ENHANCEMENT COURSE)
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कर्मकाण्ड |
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75 |
25 |
ज्योतिष |
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75 |
25 |
अष्टम् प्रश्नपत्र- खाद पोषण एवं स्वच्छता
भोजन एवं पोषण की अवधारणा।
स्थूल एवं सूक्ष्म पोषक तत्व
सामुदायिक स्वास्थ्य अवधारणा
परिवर्तन एवं परिवर्धन की ओर निरन्तर अग्रसर.......आपलोग हमसे जुड़े रहिये...