धातु रूप-समग्र विवेचन

 1.भ्वादि गण

भ्वादिगण का अर्थ है भू इत्यादि धातुओं का समूह। भ्वादिगण के सभी धातुओं में अ जोड़ दिया जाता है। जैसे- पठ्+अ+ति, पठ्+अ+तु ।

चूँकि पठ् में ठ् के बाद अ जोड़ने पर ठ्+अ = ठ हो जाता है, किन्तु धातु यदि इकारान्त हो तो उसे य लिखा जाएगा जैसे- जि में जि+अ =जय जयति जयतः,जयन्ति। ठीक इसी तरह उकारान्त रहने पर ऊ को व आदेश होगा जैसे भू+अ =भव यथा भवति,भवतः भवन्ति ।

 रूप दो तरह से चलेंगे परस्मैपदी और आत्मनेपदी । भ्वादिगण के धातु के अन्त में जो शब्द जोड़े जाते हैं मैं यहाँ दे रहा हूँ, आप अपनी धातु को इसमें जोड़ते जाइए आपका रूप बनता चला जाएगा। पहले परस्मैपदी फिर आत्मनेपदी ।

 परस्मैपदी

 लट् लकार - वर्तमान काल 

 

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथम पु.

अति

अन्तः

अन्ति

मध्यम पु.

असि

अथः

अथ

उत्तम पु.

आमि

आवः

आमः

लङ्ग लकार-  भूतकाल

 

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथम पु.

अत्

अताम्

अन्

मध्यम पु.

अः

अतम्

अत

उत्तम पु.

अम्

आव

आम

लोट लकार - आज्ञार्थक 

 

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथम पु.

अतु

अताम्

अन्तु

मध्यम पु.

अतम्

अत

उत्तम पु.

आनि

आव

आम

विधिलिङ्ग लकार-  चाहिए अर्थ में 

 

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथम पु.

एत

एतम्

एयुः

मध्यम पु.

एः

एतम्

एत

उत्तम पु.

एयम्

एव

एम

लृट लकार-  भविष्यत् काल

 

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथम पु.

इष्यति

इष्यतः

इष्यन्ति

मध्यम पु.

इष्यसि

इष्यथः

इष्यथ

उत्तम पु.

इष्यमि

इष्यावः

इष्यामः

 

आत्मनेपदी

 लट् लकार - वर्तमान काल 

 

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथम पु.

अते

एते

अन्ते

मध्यम पु.

असे

एथे

अध्वे

उत्तम पु.

आवहे

आमहे

लङ्ग लकार-  भूतकाल

 

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथम पु.

अत्

एताम्

अन्त

मध्यम पु.

अथाः

एथाम्

अध्वम

उत्तम पु.

आवहि

आमहि

लोट लकार - आज्ञार्थक 

 

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथम पु.

अताम्

एताम्

अन्ताम्

मध्यम पु.

अस्व

एथाम्

अध्वम्

उत्तम पु.

आवहै

आमहै

विधिलिङ्ग लकार-  चाहिए अर्थ में 

 

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथम पु.

एत

एयाथाम्

एरन्

मध्यम पु.

एथाः

एयाथाम्

एध्वम्

उत्तम पु.

एय

एवहि

एमहि

लृट लकार-  भविष्यत् काल

 

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथम पु.

इष्यते

इष्येते

इष्यन्ते

मध्यम पु.

इष्यसे

इष्येथे

इष्यध्वे

उत्तम पु.

इष्ये

इध्यावहे

इध्यामहे

 

पठ् धातुरूप की तरह सभी भ्वादिगण के रूप चलेंगे। पाँचों लकारो का रूप देखकर अन्य धातुओं के रूप आप स्वयं बना सकते हैं।

पठ् धातु (पढ़ना) परस्मैपदी

 लट् लकार - वर्तमान काल 

 

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथम पु.

पठति

पठतः

पठन्ति

मध्यम पु.

पठसि

पठथः

पठथ

उत्तम पु.

पठामि

पठावः

पठामः

लङ्ग लकार-  भूतकाल

 

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथम पु.

अपठत्

अपठताम्

अपठन्

मध्यम पु.

अपठः

अपठतम्

अपठत

उत्तम पु.

अपठम्

अपठाव

अपठाम्

लोट लकार - आज्ञार्थक 

 

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथम पु.

पठतु

पठताम्

पठन्तु

मध्यम पु.

पठ

पठतम्

पठत

उत्तम पु.

पठानि

पठाव

पठाम

विधिलिङ्ग लकार-  चाहिए अर्थ में 

 

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथम पु.

पठेत्

पठेताम्

पठेयुः

मध्यम पु.

पठे

पठेतम

पठेत

उत्तम पु.

पठेयम्

पठेव

पठेम

लृट लकार-  भविष्यत् काल

 

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथम पु.

पठिष्यति

पठिष्यतः

पठिष्यन्ति

मध्यम पु.

पठिष्यसि

पठिष्यथः

पठिष्यथ

उत्तम पु.

पठिष्यमि

पठिष्यावः

पठिष्यामः

 

हमने पठ् की तरह चलने वाले सभी धातुओं की सूची तैयार की है जिसमें प्रथम पुरुष, एकवचन का रूप देने का प्रयास किया है जिसे पढ़कर आप स्वयं आगे के रूपों को चलाने के लिए प्रशस्त हो जाएगें

1.    1.भ्वादिगण 

धातु

अर्थ

पद

लट्

लङ्ग

लोट

विधिलिङ्ग

लृट्

अघ्

पाप करना

पर.

अघयति

आघयत्

अघयतु

अघयेत्

अघयिष्यति

अट्

घूमना

पर.

अटति

आटत्

अटतु

अटेत्

अटिष्यति

अत्

सदा घूमना

पर.

अतति

आतत्

अततु

अतेत्

अतिष्यति

अय्

जाना

.

अयते

आयत्

 आयतु

 आयेत्

 

अर्च्

पूजना

पर.

अर्चति

आर्चत्

 आर्चतु

 आर्चेत्

 

अर्ज्

संग्रह करना

पर.

अर्जति

आर्जत्

 आर्जतु

 आर्जेत्

 

अर्ह्

योग्य होना

पर.

अर्हति

आर्हत

 आर्हतु

 आर्हेत्

 

अव्

रक्षा करना

पर.

अवति

आवत् 

 आवतु

 

 

अश्

खाना

पर.

आश्नति

 आश्नात्

 आश्नतु

 

 

ईक्ष्

देखना

.

ईच्छते

 एक्षत्

 

 

 

ईर्ष्य

ईर्ष्या करना

पर.

ईष्यति

 अइर्ष्यत्

इर्ष्यतु

 

 

ईह्

चाहना

.

ईहते

 

 

 

 

ऊह्

तर्क करना

.

ऊहते

 

 

 

 

एज्

 काँपना

 पर

एजति

 

 

 

 

एध्

 बढना

आत्म

एधते

 

 

 

 

कम्

 चाहना

आत्म

कामयते

 

 

 

 

कम्प्

 काँपना

 आत्म

कम्पते

 

 

 

 

कांक्ष्

 ईच्छा रखना

 पर

कांक्षति

 

 

 

 

काश्

 चमकना

पर.

 

 

 

 

 

कास्

 खाँसना

पर.

 

 

 

 

 

कित्

 चिकित्सा

पर.

 

 

 

 

 

कील्

 गाड़ना

पर.

 

 

 

 

 

कुञ्च्

 कम होना

पर.

 

 

 

 

 

कूज्

 कूँजना

पर.

 

 

 

 

 

कृप्

समर्थ होना

.

कल्पते

 

 

 

 

कृष्

 जोतना

 पर.

कर्षति

 

 

 

 

क्रन्द्

 रोना

पर.

 क्रन्दति

 

 

 

 

क्रम्

 चलना

पर.

 

 

 

 

 

क्रीड्

 खेलना

पर.

 

 

 

 

 

क्रुश्

 रोना

पर.

 

 

 

 

 

क्वण्

 झनझन करना

पर.

 

 

 

 

 

क्वथ्

 पकाना

पर.

 

 

 

 

 

क्षम्

क्षमा करना

पर.

 

 

 

 

 

क्षर्

बहना

पर.

 

 

 

 

 

क्षि

नष्ट होना

पर.

 

 

 

 

 

क्षीब्

मत्त होना

पर.

 

 

 

 

 

क्षुभ्

क्षुब्ध होना

पर.

 

 

 

 

 

क्षै

क्षीण होना

पर.

 

 

 

 

 

खन्

खोदना

पर.

 

 

 

 

 

खाद्

खाना

पर.

 

 

 

 

 

खेल्

खेलना

पर.

 

 

 

 

 

गद्

कहना

पर.

 

 

 

 

 

गम्

जाना

पर.

 

 

 

 

 

गर्ज

गरजना

पर.

 

 

 

 

 

गर्ह

निन्दा करना

पर.

 

 

 

 

 

गाह्

घुसना

आत्म

 

 

 

 

 

गुञ्ज

गूँजना

पर.

 

 

 

 

 

गुप्

रक्षा करना

पर.

 

 

 

 

 

गुप्

निन्दा करना

पर.

 

 

 

 

 

गुह्

छिपाना

पर.

 

 

 

 

 

गै

गाना

पर.

 

 

 

 

 

ग्लै

थकना

पर.

 

 

 

 

 

घट्

घटना

पर.

 

 

 

 

 

घूर्ण

घूमना

पर.

 

 

 

 

 

घ्रा

सूँघना

पर.

 

 

 

 

 

चम्

पीना

पर.

 

 

 

 

 

चर्

चलना

पर.

 

 

 

 

 

चर्व

चबाना

पर.

 

 

 

 

 

चल्

हिलना

पर.

 

 

 

 

 

चित्

समझना

पर.

 

 

 

 

 

चुम्ब्

चूमना

पर.

 

 

 

 

 

चूष्

चूसना

पर.

 

 

 

 

 

जप्

जपना

पर.

 

 

 

 

 

जल्प

बात करना

पर.

 

 

 

 

 

जि

जीतना

पर.

 

 

 

 

 

जीव्

जीतना

पर.

 

 

 

 

 

जृम्भ

जभाई लेना

पर.

 

 

 

 

 

ज्वर्

रुग्ण होना

पर.

 

 

 

 

 

ज्वल्

जलना

पर.

 

 

 

 

 

डी

उड़ना

पर.

 

 

 

 

 

तक्ष्

छीलना

पर.

 

 

 

 

 

तप्

तपना

पर.

 

 

 

 

 

तर्ज्

डाँटना

पर.

 

 

 

 

 

तुल्

तोलना

पर.

 

 

 

 

 

तृ

तैरना

पर.

 

 

 

 

 

त्यज्

छोड़ना

पर.

 

 

 

 

 

त्रप्

लजाना

पर.

 

 

 

 

 

त्रै

बचाना

पर.

 

 

 

 

 

त्वक्ष्

छीलना

पर.

 

 

 

 

 

त्वर्

जल्दी करना

पर.

 

 

 

 

 

त्विष्

चमकना

पर.

 

 

 

 

 

दय्

दया करना

पर.

 

 

 

 

 

दह्

जलाना

पर.

 

 

 

 

 

दा

देना

पर.

 

 

 

 

 

दीक्ष्

दीक्षा देना

पर.

 

 

 

 

 

दृश्

देखना

पर.

 पश्यति

 

 

 

 

द्युत्

चमकना

पर.

 

 

 

 

 

द्रु

पिघलना

पर.

 

 

 

 

 

धाव्

दौड़ना

पर.

 

 

 

 

 

धुक्ष्

जलना

पर.

 

 

 

 

 

धूप्

सुखाना

पर.

 

 

 

 

 

धृ

रखना

पर.

 

 

 

 

 

धे

पीना

पर.

 

 

 

 

 

ध्मा

फूँकना

पर.

 

 

 

 

 

ध्यै

सोचना

पर.

 

 

 

 

 

ध्वन्

शब्द करना

पर.

 

 

 

 

 

ध्वंस्

नष्ट करना

पर.

 

 

 

 

 

नद्

नाद करना

पर.

 

 

 

 

 

नन्द्

प्रसन्न होना

पर.

 

 

 

 

 

नम्

झुकना

पर.

 

 

 

 

 

नम्

झुकना

पर.

 

 

 

 

 

निन्द

निन्दा करना

पर.

 

 

 

 

 

नी

ले जाना

पर.

 

 

 

 

 

पठ्

प़ढ़ना

पर.

 

 

 

 

 

पण्

खरीदना

पर.

 

 

 

 

 

पत्

गिरना

पर.

 

 

 

 

 

पर्द

कुशब्द करना

पर.

 

 

 

 

 

पा

पीना

पर.

 

 

 

 

 

पू

पवित्र करना

पर.

 

 

 

 

 

पै

शोषण करना

पर.

 

 

 

 

 

प्रथ्

फैलना

पर.

 

 

 

 

 

प्लु

कूदना

पर.

 

 

 

 

 

प्लुष्

जलाना

पर.

 

 

 

 

 

फल्

फलना

पर.

 

 

 

 

 

बध्

बीभत्स होना

पर.

 

 

 

 

 

बाध्

पीड़ा देना

पर.

 

 

 

 

 

बुध्

समझना

पर.

 

 

 

 

 

भज्

सेवा करना

पर.

 

 

 

 

 

भण्

कहना

पर.

 

 

 

 

 

भाष्

कहना

पर.

 

 

 

 

 

भास्

चमकना

पर.

 

 

 

 

 

भिक्ष्

माँगना

पर.

 

 

 

 

 

भिदि

टुकड़े करना

पर.

 

 

 

 

 

भू

होना

पर.

 

 

 

 

 

भूष्

सजाना

पर.

 

 

 

 

 

भृ

पालना

पर.

 

 

 

 

 

भ्रम्

घूमना

पर.

 

 

 

 

 

भ्रंश्

गिरना

पर.

 

 

 

 

 

भ्राज्

चमकना

पर.

 

 

 

 

 

मथ्

मथना

पर.

 

 

 

 

 

मह्

पूजा करना

पर.

 

 

 

 

 

मान्

जिज्ञासा

पर.

 

 

 

 

 

मिह्

गीला करना

पर.

 

 

 

 

 

मील्

आँख मीचना

पर.

 

 

 

 

 

मुद्

प्रसन्न होना

पर.

 

 

 

 

 

मुर्च्छ्

मूर्छित होना

पर.

 

 

 

 

 

म्ना

मानना

पर.

 

 

 

 

 

म्लै

मुरझाना

पर.

 

 

 

 

 

यज्

यज्ञ करना

पर.

 

 

 

 

 

यत्

यत्न करना

पर.

 

 

 

 

 

यम्

संभोग करना

पर.

 

 

 

 

 

यम्

रोकना

पर.

 

 

 

 

 

याच्

माँगना

पर.

 

 

 

 

 

रक्ष्

पालन करना

पर.

 

 

 

 

 

रट्

रटना

पर.

 

 

 

 

 

रम्

रमना

पर.

 

 

 

 

 

राज्

चमकना

पर.

 

 

 

 

 

रुच्

अच्छा लगना

पर.

 

 

 

 

 

रूह्

उगना

पर.

 

 

 

 

 

लग्

लगना

पर.

 

 

 

 

 

लङ्घ

लाँघना

पर.

 

 

 

 

 

लप्

बोलना

पर.

 

 

 

 

 

लभ्

पाना

पर.

 

 

 

 

 

लम्ब्

लटकना

पर.

 

 

 

 

 

लष्

चाहना

पर.

 

 

 

 

 

लस्

शोभित होना

पर.

 

 

 

 

 

लुट्

लोटना

पर.

 

 

 

 

 

लोक्

देखना

पर.

 

 

 

 

 

वद्

बोलना

पर.

 

 

 

 

 

वन्द

प्रणाम करना

पर.

 

 

 

 

 

वप्

बोना

पर.

 

 

 

 

 

वम्

उगलना

पर.

 

 

 

 

 

वस्

रहना

पर.

 

 

 

 

 

वह्

ढोना

पर.

 

 

 

 

 

वाञ्छ्

चाहना

पर.

 

 

 

 

 

बुत्

होना

पर.

 

 

 

 

 

वृध्

बढ़ना

पर.

 

 

 

 

 

वृष्

बरसना

पर.

 

 

 

 

 

वे

बुनना

पर.

 

 

 

 

 

वेप्

काँपना

पर.

 

 

 

 

 

वेष्ठ्

घेरना

पर.

 

 

 

 

 

व्य्

दुखित होना

पर.

 

 

 

 

 

व्रज्

जाना

पर.

 

 

 

 

 

शंङ्क्

शंका करना

पर.

 

 

 

 

 

शप्

शाप देना

पर.

 

 

 

 

 

शंस्

प्रशंसा करना

पर.

 

 

 

 

 

शिक्ष्

सीखना

पर.

 

 

 

 

 

शुच्

शोक करना

पर.

 

 

 

 

 

शुभ्

चमकना

पर.

 

 

 

 

 

श्रि

आश्रय लेना

पर.

 

 

 

 

 

श्रु

सुनना

पर.

 

 

 

 

 

श्लाघ्

प्रशंसा करना

पर.

 

 

 

 

 

ष्ठीव्

थूकना

पर.

 

 

 

 

 

सञ्ज

मिलना

पर.

 

 

 

 

 

सद्

बैठना

पर.

 

 

 

 

 

सह्

सहना

पर.

 

 

 

 

 

सृ

सरकना

पर.

 

 

 

 

 

सेव्

सेवा करना

पर.

 

 

 

 

 

स्था

रुकना

पर.

 

 

 

 

 

स्ना

नहाना

पर.

 

 

 

 

 

स्पर्ध

स्पर्धा करना

पर.

 

 

 

 

 

स्मि

मुस्कुराना

पर.

 

 

 

 

 

स्यन्द्

बहना

पर.

 

 

 

 

 

स्रंस्

सरकाना

पर.

 

 

 

 

 

स्नु

चूना

पर.

 

 

 

 

 

हँस

हँसना

पर.

 

 

 

 

 

ह्रस

कम होना

पर.

 

 

 

 

 

ह्वे

बुलाना

पर.

 

 

 

 

 

2. अदादि गण्

अस्

होना है, था

पर.

अस्ति

 

 

 

 

आस्

बैठना

.

आस्ते

 

 

 

 

जाना

.

एति

 

 

 

 

पढ़ना

 

अधीते

 

 

 

 

कु

गूँजना

 

 

 

 

 

 

चक्ष्

कहना

 

 

 

 

 

 

जागृ

जागना

 

 

 

 

 

 

दा

काटना

 

 

 

 

 

 

दुह

दुहना

 

 

 

 

 

 

द्रा

सोना

 

 

 

 

 

 

द्विष्

द्वेष करना

 

 

 

 

 

 

पा

रक्षा करना

 

 

 

 

 

 

ब्रू

बोलना

 

 

 

 

 

 

भा

चमकना

 

 

 

 

 

 

भी

डरना

 

 

 

 

 

 

मा

नापना

 

 

 

 

 

 

मृज्

साफ करना

 

 

 

 

 

 

या

जाना

 

 

 

 

 

 

लिह्

चाटना

 

 

 

 

 

 

वा

हवा चलना

 

 

 

 

 

 

शास्

शिक्षा देना

 

 

 

 

 

 

शी

सोना

 

 

 

 

 

 

श्वस्

साँस लेना

 

 

 

 

 

 

सू

जन्म देना

 

 

 

 

 

 

स्तू

स्तुति करना

 

 

 

 

 

 

स्ना

नहाना

 

 

 

 

 

 

स्वप्

सोना

 

 

 

 

 

 

हन्

मारना

 

 

 

 

 

 

ह्नु

छिपाना

 

 

 

 

 

 

3 जुहोत्यादि गण्

दा

देना

 

 

 

 

 

 

धा

धारण करना

 

 

 

 

 

 

निज्

धोना

 

 

 

 

 

 

पृ

पालन करना

 

 

 

 

 

 

भृ

पालना

 

 

 

 

 

 

हु

यज्ञ करना

 

 

 

 

 

 

ह्नी

लजाना

 

 

 

 

 

 

4 दिवादि गण

अस्

फेंकना

 

 

 

 

 

 

इष्

जाना

 

 

 

 

 

 

कुप्

क्रोध करना

 

 

 

 

 

 

क्रुध्

क्रुद्ध होना

 

 

 

 

 

 

क्लिद्

गीला होना

 

 

 

 

 

 

क्लिश्

खिन्न होना

 

 

 

 

 

 

क्षम्

क्षमा करना

 

 

 

 

 

 

खिद्

खिन्न होना

 

 

 

 

 

 

छो

काटना

 

 

 

 

 

 

जन्

पैदा होना

 

 

 

 

 

 

जृ

वृद्ध होना

 

 

 

 

 

 

तुष्

तुष्ट होना

 

 

 

 

 

 

तृष्

तृप्त होना

 

 

 

 

 

 

तृष्

प्यासा होना

 

 

 

 

 

 

त्रष्

डरना

 

 

 

 

 

 

दम्

दमन करना

 

 

 

 

 

 

दीप्

चमकना

 

 

 

 

 

 

दुष्

विगड़ना

 

 

 

 

 

 

दो

काटना

 

 

 

 

 

 

द्रुह्

द्रोह करना

 

 

 

 

 

 

नश्

नष्ट होना

 

 

 

 

 

 

नह्

बाँधना

 

 

 

 

 

 

पद्

जाना

 

 

 

 

 

 

पुष्

पुष्ट करना

 

 

 

 

 

 

पुष्प

खिलना

 

 

 

 

 

 

बुध

जानना

 

 

 

 

 

 

मद्

प्रसन्न होना

 

 

 

 

 

 

यस्

यत्न करना

 

 

 

 

 

 

युज्

ध्यान लगाना

 

 

 

 

 

 

युध्

लड़ना

 

 

 

 

 

 

रुष्

हिंसा करना

 

 

 

 

 

 

ली

लीन होना

 

 

 

 

 

 

लुप्

लुप्त होना

 

 

 

 

 

 

लुभ्

लोभ करना

 

 

 

 

 

 

विद्

होना

 

 

 

 

 

 

व्यध्

बींधना

 

 

 

 

 

 

शम्

शान्त होना

 

 

 

 

 

 

शुध्

शुद्ध होना

 

 

 

 

 

 

शुष्

सूखना

 

 

 

 

 

 

शो

छीलना

 

 

 

 

 

 

श्रम्

श्रम करना

 

 

 

 

 

 

श्लिष्

आलिंगन

 

 

 

 

 

 

सिध्

पूरा होना

 

 

 

 

 

 

सिव्

सीना

 

 

 

 

 

 

5. स्वादि गण

आप

पाना

 

 

 

 

 

 

चि

चुनना

 

 

 

 

 

 

दम्भ्

धोखा देना

 

 

 

 

 

 

दु

दुखित होना

 

 

 

 

 

 

धू

हिलाना

 

 

 

 

 

 

राध्

पूरा करना

 

 

 

 

 

 

विष्ल

व्याप्त होना

 

 

 

 

 

 

सि

बाँधना

 

 

 

 

 

 

सू

निचोड़ना

 

 

 

 

 

 

6. तुदादि गण

ईह्

चाहना

 

 

 

 

 

 

ऋच्छ्

जाना

 

 

 

 

 

 

कृत्

काटना

 

 

 

 

 

 

कृ

विखेरना

 

 

 

 

 

 

क्षिप्

फेंकना

 

 

 

 

 

 

गुम्फ

गूँथना

 

 

 

 

 

 

गुम्फ

गूथना

 

 

 

 

 

 

घूर्ण

घूमना

 

 

 

 

 

 

छुर्

काटना

 

 

 

 

 

 

तुद्

दुख देना

 

 

 

 

 

 

त्रुट्

टूटना

 

 

 

 

 

 

दिश्

देना

 

 

 

 

 

 

दृ

आदर करना

 

 

 

 

 

 

प्रच्छ

पूछना

 

 

 

 

 

 

भ्रस्ज्

भूँजना

 

 

 

 

 

 

मस्ज्

डूबना

 

 

 

 

 

 

मिल्

मिलना

 

 

 

 

 

 

मुच्

छोड़ना

 

 

 

 

 

 

मृ

मरना

 

 

 

 

 

 

लिख्

लिखना

 

 

 

 

 

 

लिम्प

लीपना

 

 

 

 

 

 

विश्

घुसना

 

 

 

 

 

 

सिच्

सींचना

 

 

 

 

 

 

स्पृश्

छूना

 

 

 

 

 

 

7 रुधादिगण

अञ्ज्

स्वच्छ रहना

पर.

अनक्ति

 

 

 

 

उन्द्

भिगोना

 

 

 

 

 

 

क्षुद्

पीसना

 

 

 

 

 

 

क्षिद्

काटना

 

 

 

 

 

 

पिष्

पीसना

 

 

 

 

 

 

भञ्ज

तोड़ना

 

 

 

 

 

 

भुज

पालना

 

 

 

 

 

 

भुज

खाना

 

 

 

 

 

 

युज्

मिलाना

 

 

 

 

 

 

रुध्

रोकना

 

 

 

 

 

 

8. तनादिगण

कृ

करना

 

 

 

 

 

 

तन्

फैलाना

 

 

 

 

 

 

मन्

मानना

 

 

 

 

 

 

9. क्रयादिगण

क्री

खरीदना

 

 

 

 

 

 

क्लिश्

दुख देना

 

 

 

 

 

 

गृ

कहना

 

 

 

 

 

 

ग्रन्थ

संग्रह

 

 

 

 

 

 

ग्रह्

लेना

 

 

 

 

 

 

ज्ञा

जानना

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

10. चुरादि गण

 चुर्

 

 

 

 

 

 

 

 चिन्त

 

 

 

 

 

 

 

 भक्ष्

 

 

 

 

 

 

 

 कथ्

 

 

 

 

 

 

 

 गण्

 

 

 

 

 

 

 

 तड़्

 

 

 

 

 

 

 

 तुल्

 

 

 

 

 

 

 

 स्पृह

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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मेरा नाम चन्द्रदेव त्रिपाठी 'अतुल' है । सन् 2010 में मैने इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज से स्नातक तथा 2012 मेंइलाहाबाद विश्वविद्यालय से ही एम. ए.(हिन्दी) किया, 2013 में शिक्षा-शास्त्री (बी.एड.)। तत्पश्चात जे.आर.एफ. की परीक्षा उत्तीर्ण करके एनजीबीयू में शोध कार्य । सम्प्रति सन् 2015 से श्रीमत् परमहंस संस्कृत महाविद्यालय टीकरमाफी में प्रवक्ता( आधुनिक विषय हिन्दी ) के रूप में कार्यरत हूँ ।
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