बहती गंगा – शिवप्रसाद मिश्र ‘रूद्र’
- 1.🌸 गाइए गणपति जगबन्दन
- 2.🌼 घोड़े पै हौदा औ हाथी पै ज़ीन
- 3.🌺 नागर नैया जाला कालेपनियाँ रे हरी
- 4.🌻 सूली ऊपर सेज पिया की
- 5.🌷 आए, आए, आए
- 6.🌼 अल्ला तेरी मस्जिद अव्वल बनी
- 7.🌸 रोम-रोम में वज्रबल
- 8.🌼 सिवनाथ-बहादुरसिंह वीर का खूब बना जोड़ा
- 9.🌺 एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा
- 10.🌻 राम-काज क्षनभंगु सरीरा
- 11.🌸 एहि पार गंगा ओहि पार जमुना
- 12.🌺 चैत की निंदिया जिया अलसाने
- 13.🌼 इस हाथ दे उस हाथ ले
- 14.🌷 दिया क्या जले जब जिया जल रहा
- 15.🌸 नारी तुम केवल श्रद्धा हो
- 16.🌼 मृषा न होइ देव-रिसि बानी
- 17.🌺 सारी रंग डारी लाल-लाल