मुहावरा कोश




अं से बनने वाले मुहावरे

अंक देना- गले लगना।

अंक भरना- गले लगाना, लिपटाना।

अंक लगाना- गले लगाना, लिपटाना।
अँकवार देना- गले लगाना ।
अँकवार भरना- गोद में भरना, गोद में बच्चे का रहना ।
अंग करना - स्वीकार करना।
अंग छूना- कसम खाना ।
अंग टूटना- अँगड़ाई आना, ज्वर से पहले देह टूटना ।
अंग धरना- पहना धारण करना ।
अंग फूले न समाना- अत्यन्त प्रसन्न होना ।
अंग मोड़ना- लज्जा से देह सिकोड़ना, अँगड़ाई लेना ।
अंग लगना- लिपटना, आहार देह लगना ।
अँगड़ाई तोड़ना- जम्हाई के साथ अंग को तानना, अँगड़ाई लेते समय किसी के कन्धे पर हाथ रखकर अपनी देह का भार देना ।
अंगारा बनना,होजाना, होना- गुस्से से क्रोध में पागल हो जाना ।
अंगारे उगलना- जली कटी सुनाना ।
अंगारे फाँकना- ऐसा काम करना करना जिसका फल बहुत बुरा हो ।
अंगारे बरसना- आग बरसना, सख्त गरमी पड़ना, दैवी कोप होना ।
अंगारों पर पैर रखना- जानबूझकर अपने को खतरे में डालना ।
अंगारों पर लोटना- क्रोध या इर्ष्या से जलना,
अंगारों पर लोटाना- जलाना,तड़पाना ।
अंगूर खट्टे होना- किसी चीज का पहुँच के बाहर होना ।
अंजर पंजर ढीला हो जाना- जोड़-जोड़ हिल जाना ।
अंटी पर चढ़ना- धोखा खा जाना ।
अंटी मारना- दूसरे की चीज धीरे से उड़ा लेना । कम तौलना,डाड़ी मारना ।
अंडा ढीला हो जाना- कमजोर या बीमार हो जाना ।

अंड़ा फूटना- अंडे से बच्चे का बाहर आना।

अंडे बच्चे- औलाद,संतान।

अंडा ल़ड़ना- जुआ खेलना।

अंडे सरकाना- हाथ पैर हिलाना।

अंत पाना- भेद पाना।

अंत बनना- अन्तिम भाग का अच्छा होना।

अंत बिगड़ना- अन्तिम भाग का बुरा होना।

अंत लेना- भेद लेना।

अंधा बनना- बेवकूफ बनना, धोखा खाना,उपेक्षा करना।

अंधे की लकड़ी की लाठी- दुर्बल का एकमात्र सहारा ।

अँधेरा छा जाना- बहुत बड़ी हानि होने पर एकाएक न दिखाई देना। 

अँधेरे -उजेले-- समय-कुसमय।

अँधेरे घर का उजाला- एकलौता बेटा।

अँधेरे मुँह- उजाला होने से पहले।

अँधेरी का यार- गुप्त प्रेमी।

अँधेरी डालना या देना- आँख मूदकर दुर्गति करना, धोखा देना

 अ-आ से बनने वाले मुहावरें -


 अकड़ कर चलना- घमण्ड में रहना

अकबल करना- प्रलाप करना,रोना। 

अकिल की अजीरन- बुद्धि का अतिरेक करना।

 अक्ल आना- समझ होना।

 अक्ल औंधी होना- बेअक्ल होना। 

 अक्ल का कसूर होना- बुद्धि का दोष होना।

 अक्ल का काम न करना- कुछ समझ में न आना।

 अक्ल का चक्कर में आना- हैरान होना, चकित होना

 अक्ल का चरने जाना- समझ का समाप्त होना।

 अक्ल का चिराग गुल होना- बुद्धि का समाप्त होता जाना।

 अक्ल का दुश्मन- मूर्ख।

 अक्ल का पुतला- बहुत बुद्धिमान

 अक्ल का पूरा- बुद्धू, मूर्ख।

 अक्ल का फतूर- बुद्धि की कमी।

 अक्ल का मारा- मूर्ख।

 अक्ल की पुड़िया- बुद्धिमती।

 अक्ल के घोड़े दौड़ाना- तरह-तरह की कल्पना करना।

 अक्ल के तोते उड़ जाना- होश ठिकाने न रहना।

 अक्ल के नाखून लेना- समझकर बात करना।

 अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरना- नासमक्षी के काम करना।

 अक्ल के बधिये उधेड़ना- बुद्धि नष्ट करना।

अक्ल खर्च करना- समझबूझ कर काम करना।

 अक्ल गुम होना- बुद्धि मारी जाना।

 अक्ल चकराना- हैरान होना,चकित होना।

 अक्ल जाती रहना- घबड़ा जाना।

 अक्ल ठिकाने होना- होश में आना।

 अक्ल देना- समझाना,बुझाना।

 अक्ल दौड़ाना,भिड़ाना,लड़ाना- सोचना,गौर करना।

 अक्ल पर पत्थर पड़ना- बुद्धि जाती रहना।

 अक्ल पर परदा पड़ना- बुद्धि जाती रहना।

 अक्ल मारी जाना- हतबुद्धि होना।

 अक्ल सठियाना- बुद्धि नष्ट होना।

 अक्ल से दूर/ से बाहर होना- समझ में न आना।

 अक्ली गद्दा लगाना- अटकलबाजी करना ।

अक्षर घोटना- अक्षर लिखने का अभ्यास करना ।

अक्षर से भेंट न होना- बिल्कुल अनपढ़ होना ।

अक्स उतारना- हूबहू नक्शा बनना ।

अक्स छाना- रंग का उतर जाना

अक्स लेना- किसी तसवीर पर बारीक कागज रखकर खाका लेना ।

अखाड़ा गरम होना- ज्यादा भीड़ होना ।

अखाड़ा जमना- किसी जगह बहुत आदमियों का जमा होना ।

अखाड़े में आना- मुकाबले में उतरना

अख्ज करना- ग्रहण करना, बात से बात निकालना ।

अख्तर चमकना- नसीब जागना, भाग्य का उदय होना।

अगर -मगर करना- तर्क करना, आगा-पीछा करना, टाल-मटोल करना ।

अच्छा आना-ठीक वक्त पर आना(व्यंग्य में उल्टा अर्थ हो जाएगा)

अच्छा करना-तन्दरूस्त करना, आफत से बचाना, अच्छा कार्य करना ।

अच्छा कहना- तारीफ करना ।

अच्छा लगना- सुन्दर लगना ।

अच्छी कटना,गुजरना- आराम से दिन बीतना ।

अच्छे-अच्छे- बड़े आदमी ।

अच्छे वक्त- जरूरत के वक्त ।

अच्छे से पाले पड़ना- बड़े बेढब आदमी से पाला पड़ना ।

अच्छे हालों गुजरना- आराम से दिन बीतना ।

अजाब मोल लेना- अकारण कष्ट ।

अजीरन होना- भारी,दूभर होना ।

अजीरन करना- आफत कर देना ।

अटवाटी-खटवाटी लेकर पड़ना-रुककर अलग जा बैठना

अटेरन कर देना- हरा देना,थका देना ।

अटेरन फेरना- घोड़े को  कावा देना ।

अटेरन होना- बहुत दुबला हो जाना ।

अटखेलियाँ करना- किलोल करना इतराकर नाज के साथ चलना ।

अड़ंगा लगाना,डालना-अड़चन डालना, होते हुए कार्य में बाधा डालना ।

अड़ंगा मारना- अड़ंगे का पेंच करना, विघ्न डालना ।

अड़ पकड़ना,लेना- पनाह लेना,पनाह ढूढ़ना ।

अता करना,फरमाना- देना ।

अता होना- मिलना ।

अदम का रास्ता लेना,अदम को सिधारना- परलोक सिधारना, मरना ।

अदहन देना- आग पर चढ़ाना ।

अधर चबाना- अत्यन्त क्रुद्ध होना ।

अधर में झूलना.में पड़ना,में लटकना- अधूरा रहना,दुविधा में पड़ा रहना ।

अधूरा जाना- असमय गर्भपात होना ।

 अघौड़ी तनना-पेट खूब भर जाना ।

अधौड़ी तानना- छककर खाना ।

अनभल ताकना- अहित चाहना। 

अनसुनी करना- सुनकर भी न सुनने वाला आचरण करना ।

अनी का हाथ/ अनी की चोट- सामने की चोट ।

अनी पर कनी काटना- ग्लानि के कारण आत्महत्या करना ।

अपना करना- मित्र या अनुकूल बना लेना ।

अपना सा मुँह लेकर रह जाना- लज्जित होना ।

अपनी पड़ना- सबको अपनी चिंता होना ।

अपनी गाना- अपनी ही बात करना ।

अपनी गुड़िया सवार देना-सामर्थ्यानुसार कन्या का विवाह कर देना ।

अपनी नींद सोना- अपनी मर्जी से सोना-जागना ।

अपनी बात का एक- जो अपनी बात पर डटा रहे ।

अपनी बात पर आना- हठ करना ।

अपने तक रखना- किसी से न कहना ।

अपने पर आना- अपने बुरे स्वभाव के अनुसार कार्य करना ।

अपने मुँह मिया मिट्ठू बनना- अपने बुरे स्वभाव के अनुसार कार्य करना ।

अफलातून का नाती- अपने बड़प्पन की डींग मारने वाला ।

अब-तब करना- आजकल करना, टाल-मटोल करना ।

अब-तब होना / लगना- कुछ देर का मेहमान होना, मरणासन्न होना ।

अबरू पर (में) बल आना- क्रुद्ध होना, त्योरी चढ़ना ।

अबरू पर मैल न आना- असर न होना, अविचलित रहना ।

अबे-तबे करना- अपमानजनक ढंग से बात करना ।

अमल-दरामद होना- काम में लाया जाना ।

अमल पानी करना- नशा पीना, भंग पीना ।

अमान माँगना- रक्षा की प्रार्थना करना, त्राहि-त्राहि करना ।

अमानत में खयानत- अमानत की रकम खा जाना।

अरई देना/लगाना- ताकीद करना ।

अरमान निकालना- इच्छा कामना की पूर्ति होना ।

अरमान रह जाना- लालसा- कामना का अतृप्त रह जाना ।

अरसा तंग होना- कठिनाई में पड़ना ।

अल्लाह मियाँ की गाय- सीधा, भोला, बिना छक्के पंजे का ।

अवटना मारना- कष्ट उठाना, ठोकरे खाना ।

अवधि देना/धरना/बदना- समय नियत करना,मुद्दत बाँधना ।

अवसर चूकना- सुयोग का लाभ न उठाना,मौके पर काम न करना ।

अवसर ताकना- मौका ढूढ़ना ।

अवसर मारा जाना- मौका हाथ से निकल जाना ।

 आँख उठाकर न देखना- ध्यान न देना,उपेक्षा करना, लज्जा के भाव से सामने  न देखना ।

आँख  उठाना- शत्रु भाव से देखना।

आँख उलट जाना- घमंड होना ।

आँख ऊँची न होना- लज्जा के कारण सामने न देखना, नजर बराबर न करना ।

आँख ओट पहाड़ ओट- सामने न होने पर दूर नजदीक का एक होना ।

आँख का अंधा गाँठ का पूरा- आँख गड़ाकर देखने पर आँख में पीड़ा उठना।

आँख का अंधा नाम नयनसुख- नाम तथा गुण में विरोध

आँख का काँटा- जिसे देखकर कष्ट हो, शत्रु कार्य में बाधक ।

आँख का काजल चुराना- सफाई से हाथ मारना ।

आँख का तारा-  अत्यन्त प्रिय व्यक्ति

आँख का तेल निकालना-  आँखों पर जोर पड़ने वाला कार्य करना

आँख कान खुला रहना- सावधान रहना

आँख का परदा उठना- भ्रम दूर होना

आँख का पानी ढल जाना- निर्लज्ज हो जाना

आँख की पुतली- अत्यन्त प्रिय व्यक्ति

आँख की बदी भौं के आगे- किसी का दोष उसके मित्र या सम्बन्धी के आगे कहना

आँख चमकाना- आँख दिखाना, रोब झाड़ना ।

आँख चरने जाना- नजर गायब हो जाना

आँख चुराकर कुछ कहना- छिपकर कुछ कहना

आँख चुराना- बे मुरव्वत हो जाना लज्जा से सामने न देखना

आँख चूकना- गाफिल होना ।

आँख छत से न लगना- मरते समय आँख का टँग जाना।

आँख झेपना-लज्जित होना

आँख टेढ़ी करना- बे मुरव्वती दिखलाना।

आँख दिखाना-रोष या अवज्ञासूचक दृष्टि से देखना।

आँख नाक से डरना- ईश्वर से डरना।

आँख नीची करना-लज्जित होना।

आँख नीली पीली करना-गुस्सा दिखाना,धमकाना।

आँख फाड़-फाड़ कर देखना-आश्चर्य या औत्सुक्य के साथ देखना।

आँख मूँदकर काम करना- किसी काम की परवाह न करना।

आँख बराबर करना-सामने ताकना, डटकर बात करना

आँख बिछाना-आदरपूर्वक स्वागत करना।

आँख भर आना-नयन का अश्रुपूर्ण होना।

आँख मूँद लेना-ध्यान न देना

आँख में आँख डालना-धृष्टतापूर्ण दृष्टि से देखना।

आँख में खटकना/ गड़ना-बुरा मालूम होना।

आँख लगना-प्रेम दृष्टि से देखना।

आँख लड़ना-दिल लगना, नींद न आना।

आँख लाल करना- क्रोधपूर्ण दृष्टि से देखना।

आँख सेंकना-सौन्दर्य दर्शन का सुख लेना।

आँख से भी न देखना- तुच्छ समक्षना।

आँख होना-परख होना,ज्ञान होना।

आँखे चार होना-देखा-देखी करना।

आँख ठण्डी होना-जी भरना तृप्त होना।

आँख फिर जाना- बेमुरौवत होना।

आँख बदल जाना-कृपा दृष्टि न रहना।

आँखों की सूइयाँ निकालना-किसी के द्वारा पूरित काम पर थोड़ा करके सारा श्रेय लेना।

आँखों के आगे अन्धेरा छाना- मूर्छित होना, विपत्ति में निराश होना।

आँखों के आगे चिंगारी छूटना- चकाचौंध होना।

आँखों के आगे नाचना/ फिरना- स्मृति में बना रहना।

आँखों को रो बैठना-आँखें खो देना।

आँखों तले न लाना- कुछ न समझना।

आँखों पर ठिकरी रख लेना-अनजान बनना, रुखाई दिखलाना।

आँखों पर पट्टी बाँध लेना- ध्यान न देना।

आँखों पर परदा पड़ना- भ्रम होना, समझ में न आना।

आँखों पर पलकों का बोझ न होना-अपने लोगों का भार न मालूम होना।

 आँखों पर बिठाना/ पर बैठाना - आदर सत्कार करना

 आँखों पर रखना - खातिरदारी (आदर) के साथ रहना

 आँखों में काजल घुलना - काजल का खूब लगाना

 आँखों में खून उतरना - क्रोध से आँखों का लाल होना

 आँखों में चढ़‌ना - पसन्द आना, जँचना

 आँखों में चर्बी छाना - घमण्ड में किसी की ओर ध्यान न देना

 आँखों में चुभना- अच्छा न लगना

 आँखों में चोब आना -आँख का लाल होना

 आँखों में टेसू या सरसों फूलना - मस्ती आना

 आँखों में तकला चुभाना - आँखे फोड़ना

 आँखों में धूल झोकना - धोखा देना

 आँखों में नाचना - ध्यान बना रहना

 आँखों में नोन देना- आँखें फोड़ना

 आँखों में फिरना - ध्यान बना रहना

 आँखो में बसना- दिल में घर कर लेना

 आखों में बैठना - पसंद आना

 आँखों में भंग घुटना- भंग के नशे में होना

 आँखों में रखना- प्यार से रखना, हिफाजत से रखना

 आँखों में रात काटना - जागकर रात बिताना

 आँखों में शील होना - मुरौवती होना

 आँखों में समाना- ध्यान (स्मरण) में बना रहना

 आँखों सुख कलेजे ठंडक - पूरी प्रसन्नता,

 आँखों से उतरना - नज़रों से उतर जाना

 आँखों से ओझल होना - सामने न रहना, ओझल होना

 आँखों से काम करना -इशारे से काम निकालना

 आँखों से गिरना - आखों से उतरना

 आँखो से लगाकर रखना - प्यार के साथ रखना।

 आँच आना -हानि होना, कष्ट, छति, आघात पहुंचना

 आँचल डालना - विवाह की एक रीति (मुस्लिम)

 आँचल दलना - बच्चे का दूध पीना

 आँचल में बाँधना - गाँठ बाँधना, अच्छी तरह याद करना।

 आँट पर चढ़ना - दाँव पर चढ़ना

 आँत उतरना- हार्निया होना

 आँते कुलकुलाना - भूख से बेचैन होना ।

 आँत गले या मुँह में आना-  तंग होना

 आँतों का बल खुलना - छककर खाना ।

 आँती में बल पड़ना - पेट में दर्द होना।

 आँसू पीकर रह जाना- मन मसोस कर रह जाना

 आँसू पोछना - ढ़ाँढस बधाना

 आँसुओं से मुँह धोना - बहुत रोना

 आइना में मुँह देखना- अपनी योग्यता समझ लेना

 आक़बत बिगड़‌ना - परलोक बिगड़‌ना

 आकबत में दिया दिखाना - परलोक में काम आना

 आकाश छूना -बहुत ऊंचा होना

 आकाश-पाताल एक करना - भारी प्रयास करना, हलचल मचाना

 आकाश पाताल का अन्तर -बहुत बड़ा अन्तर

 आकाश से बातें करना – बहुत ऊँचा होना

 आग उठाना - दबी वेदना को जगाना

 आग का पुतला - क्रोधी, अग्निशर्मा

 आग का बाग-सुनार का अंगीठा, आतशबाजी

 आग के मोल- बहुत मंहगा

 आग खाना अंगार हगना-जैसी करनी वैसी भरनी

 आग देना - दाह कर्म करना, आग लगाना

 आग पर आग डालना- जले की जलाना

 आग पर पानी डालना -कुद्ध को शान्त करना, लड़ने वालों को समसाला

 आग पर लोटना-ईर्ष्या करना

 आग पानी का बैर - सहज बैर

 आग बबूला - गुस्से से लाल होना, अतिकुद्ध होना

 आग बरसना - सख्त गरमी पड़ना या लू चलना

 आग बरसाना - दुश्मन पर गोले गोलियों की वर्षा करना,

 आग बुझा लेना. कसर निकालना

 आग बोना- उत्पात खड़ा करना, झगड़ा लगाना

 आग भड़काना- हलचल मचाना, लड़ाई बढ़ाना

 आग भी न लगाना- तुच्छ समझना

 आग भूनना - अति करना

 आग में कूदना - अपने उपर विपति लेना

 आग में घी डालना- क्रोध भड़‌काना, झगड़ा बढ़ाना

 आग में झोंकना-किसी को आफत, खतरे में ढकेलना

 आग में पानी डालना कोथ शान्त करना, झगड़ा मिटाना

 आग लगना - क्रोध भड़क उठना, डाह से जलने लगना,

 आग लगाकर तमाशा देखना देखना - झगड़ा खड़ा करके तमाशा देखना

 आग लगाकर पानी को दौड़ना - झगड़ा लगाकर शान्त करने करने का प्रयत्न करना।

 आग लगाना - चुगली खाना, नाश करना, झगड़ा भिड़ाना

 आग लगे पर कुँआ खोदना-पहले से करने वाले कार्य की जरूरत पड़‌ने पर करना

 आग लगे पर पानी कहाँ - गुस्से में मुरौवत कहाँ

 आग से पानी होना- क्रोध शान्त होना

 आग होना- क्रुद्ध होना

 आगम करना-  उपक्रम बाँधना

 आगम जनाना - होनहार की सूचना देना

 आगम बाँधना - आने वाली बात का निश्चय करना

 आगा काटना - किसी अपशकुन प्राणी का आगे से निकल जाना

 आगा भारी होना - गर्भवती होना

 आगा मारना- बाधक होना

 आगा रोकना- हमला रोक़ना, ओट करना

 आगा लेना -हमला रोकना

 आगा सम्हालना -दुश्मन का हमला रोकना, गुप्तन्द्रियों को छका

 आगे आना - सामना करना, हाजिर करना, घटित होना

 आगे करना- सामने रखना, हाजिर करना

 आगे का उठा -जूठन

 आगे दौड़ पीछे चौड़ - आगे का काम करते जाना, पीछे का खयाल न रखना।

 आगे धरना- हाजिर करना

 

आगे निकलना-साथियों प्रतिस्पर्धियों से आगे निकलना

 

आगे लेना - अगवानी करना, आगे जाकर मिलना आगे से पहले से,

 

आगे होना -अग्रसर होना, बढ़ जाना, सामना करना

 

आज कल करना -टालमटोल करना

 

आज कल का हाल- का नए जमाने का

 

आज कल में- बहुत जल्द, पो चार दिनो में

 

आज कल लगना-मौत करीब होना

 

आज मुये कल दूसरा दिन- मृत्यु के बाद की बात की ओर ध्यान न देना

 

आजिज आना - तंग आना, ऊब आना

 

आटा आटा कर देना -बहुत बारीक करना, पीसना

 

आटा गीला होना - कठिनाई में कठिनाई पैदा हो जाना

 

आटा माटी होना- तबाह होना

 

आटे की आपा-भोली भाली औरत

 

आटे के साथ घुन पीसना-बड़े आदमी के साथ छोटे को नुसकान पहुंचाना

 

आटे दाल का भाव मालूम होना-  असलियत का पता चलना

 

आहे दाल की फिक्र - गृहस्थी की चिंता

 

आटा में नमक- थोड़ा सा जरा सा

 

आठ आँसू रोना - बहुत विलाप करना

 

आठ अठारह होना - तितर-वितर होना, हैरान होना

 

आठ आठ पहर - हर वक्त

 

आठों पहर जामें से बाहर रहना- हर वक्त गुस्से में रहना

 

आठ पहर चौसठ घड़ी - हर वक्त

 

आठों गाँठ कुम्मैत- वह घोड़ा जिसके सब अंग कुम्मैत हो, चालाक

 

आठों पहर सूली पर रहना- हमेशा कष्ट में रहना

 

आड़े देना - ओट करना

 

आड़ा तिरछा होना - कुद्ध होना

 

आड़ा पड़ना, होना - बाधक होना

 

आड़े आना - संकट में सहायक होना

 

आड़े हाथों लेना - व्यंग्य बेधना, बुरी तरह बनाना।

 

आत्मा ठंडी होना - संतोष होना

 

आदाब अर्ज करना- सलाम करना, विदा लेना

 

आदाब बजा लेना -विनय पूर्वक अभिवादन करना

 

आधा तीतर आधा बटेर - बेमेल,

 

आधी बात न पूँछना-  कदर न करना

 

आन तोड़ना -  प्रतिना भंग करना, हठ छोड़ना

 

आन रखना -अपनी बात रखना

 

आन की आन में - बात की बात में

 

आ पड़ना -संकट, विपदा आना, यकायक आ जाना

 

आ बनना -अवसर हाथ लगना

 

आ रहना- गिर पड़ना

 

आ लगना - आरम्भ होना, ठिकाने पहुँचना

 

आ लेना - पकड़ लेना, पहुंच जाना

 

आप आप करना- खुशामद करना

 

आप आप की पड़ना-अपने-अपने काम में व्यस्त रहना

 

आप आप को - अलग- अलंग अपने को

 

आप से आप- खुद-ब-खुद

 

आप ही आप - स्वत: अपने मन से

 

आपा खोना- अपने को बरबाद करना, मरना, घमंड करना

 

आपा डालना - घमंड छोड़‌ना

 

आपा तजना - द्वैत भाव का तिरस्कार

 

आपा दिखलाना -दर्शन देना

 

आपा बिसराना - अपने को भूल जाना

 

आपे में आना- होश हवास में होना

 

आप में न रहना, से बाहर होना, से निकलना – क्रोधादि  के अतिरेक से मन काबू में न रहना

 

आफत का टुकड़ा -बहुत तेज, चलता, धूर्त आदमी, तूफानी

 

आफ़त का मारा - विपदाग्रस्त, दुर्दैव पीड़ित

 

आफत ढाना- अनहोनी बात कहना

 आफत मचाना - उपद्रव दाना, शोर गुल करना

 आफत मोल लेना- सिर पर लेना, कोई झंझट बखेड़ा सिर पर लेना

 आब दाना उठना- स्थान विशेष में जीविका का उपाय

 आम के आम गुठली के दाम- दोहरा लाभ

 आमद होना- किसी के आसन्न आगमन की चर्चा या धूम होना, धन का आना

  आयद होना लगना, लगाया जाना

 आरजू मिटाना- इच्छा पूरी करना

 आराम से गुजरना - चैन से दिन कटना

 आल्हा गाना - आप बीती सुनना

 आवें का आवां बिगह‌ना - सारे कुटुंब में कोई दोष होना

 आवाज उठाना- किसी बात के पक्ष या विपक्ष में कहना।

 आवाज खुलना - शब्द का साफ निकलना

 आवाज गिरना -स्वर का मंद होता

 आवाज देना - पुकारना, बुलाना

 आवाज पड़ना- गला बैठना, स्वर भंग होना

आवाज भारी होना भर्राना- गले से स्पष्ट और मोटी आवाज निकलना

आवाज मारना- जोर-जोर से पुकारना।

आवाज लगाना- आवाज देना, ऊँची तान लगाना।

आवाज कसना- बोली बोलना, व्यंग कसना।

आशा टूटना- आशा भंग होना।

आशा तोड़ना- निराश करना।

आशा देना- उम्मीद बँधाना।

आशा पूजना- आशा पूरी होना।

आशा बंधना- आशा उत्पन्न होना।

अशोब उठना- फसाद शुरू होना।

आसन उखड़ना- जमकर न बैठ सकना, डगमगाना।

आसन उठना- स्थान छूटना।

आसन करना- शरीर को विशेष स्थिति में रखना ।

आसन कसना- अंगों को तोड़ मरोड़ कर बैठना।

आसन छोड़ना- उठकर चल देना।

आसन जमना- एक ही स्थान पर एक प्रकार से देर तक बैठना ।

आसन जमाना- अधिक भाव से बैठना, डेरा डालना ।

आसन डिगना- डोलना- चित्त का विचलित हो जाना ।

 आसन तले आना-वश में होना ।

आसन देना- आदरपूर्वक बैठाना टिकाना ।

आसन बांधना- जाँघों से जकड़ना।

आसन मारना- आसन जमाना, जमकर बैठना ।

आसमान के तारे तोड़ना- दुसाध्य, अनहोनी बात करना ।

आसमान जमीन की कुलाबे मिलाना-  दूर की हाँकना।

आसमान झाँकना/ ताकना - घमंड करना।

आसमान टूटना- बिपत्ति आ पड़ना ।

आसमान दिखाना- कुश्ती में प्रतिद्वंदी को चित्त कर देना ।

आसमान पर उड़ना- मिजाज बढ़ जाना । गर्व से इतराना ।

आसमान पर चढ़ाना- अतिप्रशंसा करना, मिजाज बिगड़ना ।

आसमान पर थूकना- दूसरे को निंदित होने में स्वयं निंदित होना ।

आसमान फटना- भारी विपत्ति आ पड़ना ।

आसमान में छेद होना- वर्षा का न थमना ।

आसमान में थूनी लगाना- कठिन, अनहोनी बात करना ।

आसमान सिर पर उठा लेना- बहुत शोर. ऊधम मचाना

आसमान सिर पर टूटना- दैवकोप होना, विपत्ति आना ।

आसमान से गिरना, टपकना- अपने आप उपस्थित हो जाना ।

आसमान से बातें करना- आसमान छूना ।

आस्तीन का सांप- दोस्तनुमा दुश्मन, मित्र बनकर शत्रुता करने वाला ।

आस्तीन चढ़ाना- लड़ने को तैयार होना ।

आह करना- कलपना,

आह खींचना- ठंड़ी साँस के साथ आह भरना ।

आह पड़ना- शाप पड़ना, किसी को सताने का फल मिलना ।

आह भरना- आह खींचना ।

आह मारना- ठंडी सांस खींचना ।

आह लेना- सताने का फल अपने ऊपर लेना ।

आहट लेना-टोह में रहना । 


इ-ईसे बनने वाले मुहावरें ।

 

इंतहा कर देना - अति कर देना, हद करना,

 

इज्जत उतारना/लेना - अपमानित करना,आबरू लूटना, सतीत्व भंग करना,

 

इज्जत खोना/ गंवाना - मर्यादा खोना

 

इज्जत देना - मर्यादित करना, गौरवान्वित करना।

 

इधर-उधर करना - टाल मटोल करना

 

इधर उधर की- जहाँ तहाँ की, सुनी सुनायी

 

इधर-उधर हाँकना- गप मारना


इधर-उधर से - जहाँ तहाँ से, दूसरों से

 

इधर-उधर होना - अव्यवस्थित हो जाना, टाल मटोल करना

 

इधर का उधर होना - कहीं का कहीं ही जाना, उलट-पुलट जाना

 

इधर की उधर करना- लड़ाई झगड़ा लगाना, चुगली करना

 

इधर की दुनिया उधर हो जाना- असंभव का संभव होना

 

इधर या उधर जीत या हार, अनुकूल या प्रतिकूल

 

इनायत करना-फरमाना देना, प्रदान करना

 

इमली घोटाना- व्याह की एक रस्म जो वर-वधू के मामा को करनी पड़ती है।

 

इल्लत पालना- कोई झंझट, बुरी आदत पाल लेना


इष्ट होना- सिद्धि प्राप्त कर लेना ।

 

ईंट का छल्ला देना - मजबूती के लिए सटाकर ईंटे चुनना

 

ईंट की मस्जिद अलग बनाना - अपनी ही बात पर चलना

 

ईंट मारना - भलाई की आशा बँधाकर बुराई करना ।

 

ईंट से ईंट बजना- खुलकर लड़ाई होना,


ईद का चाँद- ऐसी वस्तु जिसका दर्शन दुर्लभ हो ।



ईमान का सौदा -खरा व्यवहार

 

ईमान की कहना-सच कहना, सच्ची बात बोलना

 

ईमान ठिकाने न रहना- धर्म पर दृढ न रहना


ईमान डिगना -नीयत में खामी आना

 

ईमान देना - सत्य छोड़ना

 

ईमान में फ़र्क आना (बिगड़ना) - नीयत बिगड़ना,

 

ईमान लाना- किसी मत धर्म सिद्धान्त की सच्चाई पर विश्वास लाना ।

उ-ऊ से बनने वाले मुहावरें ।

 

 

उँगली उठना - बदनामी होना, उपहास का पात्र होना

 

उँगली उठाना - दोष, लांक्षन लगाना, बदनाम करना

 

उँगली करना - परेशान करना, सताना

 

उँगली चटकाना - उँगलियों से चट्- च‍ट् शब्द करना

 

उँगली चमकाना - उँगलियों को नखरे द्वेष से हिलाना


उँगली पकड़ते पहुंचा पकड़ना - थोड़ा पाकर अधिक पाने का प्रयत्न करना

 

उँगली रखना (किसी कृति में) दोष दिखाना करना


ऊँगली लगाना - किसी काम में नाम मात्र का सहायता करना


पाँचो उँगली घी में होना - प्रचुर लाभ का अवसर मिलना

 

उंगलियों पर नाचना - इशारों पर नाचना, हैरान करना


उखड़ा उखड़ा सा रहना - अस्त-व्यस्त या उदास सा रहना

 

उखड़ी - उखड़ी बातें करना - बेलौस होकर बात करना


उखड़ी-पुखड़ी सुनाना - अंड बंड सुनाना

उजला मुंह करना - गौरव बढ़ाना, कलंक मिटाना


उझकना- विझकना उछलना कूदना


उट्ठी बोलना- हार मान लेना

 

उठ खड़ा होना - चलने को तैयार होना


दुनिया से उठ जाना- मर जाना, चल बसना

 

उठल्लू का चूल्हा - बेमतब घूमने वाला

 

उड़ खाना- अप्रिय लगना

 

उड़ चलना - असाधारण वेग से चलना इतराना

 

उड़ान भारना - बहाना करना बातों में टालना


उन्नू करना - इतना मारना कि देह पर दाग पड़ जाय

 

उधार खाना -कर्ज पर गुजर करना

 

उधार खाये बैठना -किसी चीज के आसरे रहना, किसी बात पर तुल जाना

 

उधेड़ कर रख देना - कच्चा चिट्टा खोल देना, दोष बतला देना


उनका होना - अलभ्य, अदृश्य हो जाना

 

उन्नीस-बीस होना - लगभग बराबर होना, कुछ घर-बद होरा

 

उपकार मानना - एहसान मानना, कृतज्ञता प्रकाश करना

 

उपज की लेना- नयी युक्ति निकालना

 

उफ न करना -मुँह से आह तक न निकलना, पीड़ा को पी जाना

 

उबल पड़ना -कुद्ध होकर अंड बंड बकना आपे से बाहर होना


उमड़ना घुमड़ना- घूम-घूम कर फैलना

 

उम्मीद वर आना - इच्छा पूरी होना। अभीतर सिद्ध होना


उम्मीद से होना - गर्भवती होना

 

उम्र का पैमाना - मृत्यु का निकट होना


उम्र का प्याला भर जाना- आयु का अंत आ जाना

 

उम्र टेरना- किसी तरह जिंदगी के दिन पूरे करना।

 

उर आनना / लाना - छाती से लगाना, सोचना, ध्यान करना ।

 

उरद के आरे की तरह ऐठना-कुछ होना, इतराना

 

उरद पर सफेदी- बहुत कम मात्रा

 

उलटना-पलटना - उपर से नीचे, कुछ का कुछ, इस बल से उस बल

 

उलटी खोपड़ी का – मूर्ख,ना समझ, उलटी बुद्धि का

 

उलटी गंगा बहना- रीतिविरुद्ध या अनहोनी बात कहना

 

उल्टी गंगा बहाना - उलटी रीति चलाना

उल्टी पट्टी पढ़ाना- बहकाना

 

उलटी माला फेरना- बुरा मानना, कोसना

 

उलटी साँस चलना- दम उखड़ना, मरणासन्न होना

 

उलटी साँस लेना - जल्दी-जल्दी साँस लेना, मरणासन्न होना

उलटी सीधी सुनाना - खरी-खोटी सुनाना, फटकारना

 

उलटी हवा बहना - उलटी रीति चलना


उलटे कॉटे तौलना -कम तौलना


उलटे छूरे से मूड़‌ना - बेवकूफ बनाकर पैसा ऐठना


उलटे पाँव फिरना लौटना) - तुरंत लौना लौटना

 

उलटे मुँह गिरना - दूसरे के हति के प्रयत्न में अपनी छति करना

 

उलथा मारना - कलाबाजी करते हुए पानी में कूदना

 

उल्लू का गोश्त खिलाना - बेवकूफ बनाना, वश में कर लेना

उल्लू का पट्ट्ठा -निपट मूर्ख ।

उल्लू बनाना- ठगना, वेवकूफ बनाना ।

 

उल्लू बोलना - उजड़ जाना, वीरान होना ।

 

ऊँचा नीचा सुनाना -भला बुरा कहना

 

ऊँचा सुनना - अर्ध बधिर होता

 

ऊँची दुकान फीका पकवान- नाम के अनुरूप काम, गुण का न होना

 

ऊँट किस करवट बैठता है- मामले का क्या नतीजा को

 

ऊँट की चोरी-और नीचे नीचे - न छिपने वाली बात को की कोशिश

 

ऊँट के गले में बिल्ली - बेमेल असंगत बात

 

ऊंट के मुंह में जीरा -अधिक खाने वाले को कम देना।


ऊँट निकल जाय दुम से हिचकियाँ- बड़ी-बड़ी बात कर जाना और छोटी में अटकना ।

 

ऊँट मक्के को ही भागता है- हर चीज अपने असल उद्गम की ओर जाती है।


ऊंट रे ऊँट तेरी कौन सी कल सीधी - बेतुके आदमी की कोई बात ठीक नहीं होती।

 

उदबिलाव की देरी- कभी समाप्त न होने वाला झगड़ा।


ऊन मानना - दिल छोटा करना, दुखी होना।

 

ऊपर-ऊपर से जाहिरा, प्रकट में

 

ऊपर की आमदनी - बालाई आमदनी, अतिरिक्त आय श्रोत


ऊपर की दोनों जाना - दोनों आँखें फूट जाना।

 

ऊपर तले के - आगे-पीछे होने वाला, तरपरिया

 

ऊपर लेना - सिरपर या जिम्में लेना ।


ऊपर होना - प्रधान होना, ऊपर के ओहदे को पाना ।


ए-ऐ से बनने वाले मुहावरें ।

 

एक अनार सौ बीमार- वस्तु थोड़ी और चाहने वाले बहुत।

एक आँख न भाना- बिलकुल नापसंद होना ।

एक आँख से सबको देखना- एक सा मानना, समान व्यवहार ।

एक के दस-दस करना- खूब नफा कमाना ।

एक एक के दो करना- दिन काटना। 

एक की चार लगाना- बढ़ा चढ़ा कर कहना, शिकायत करना ।

एक की दवा दो- एक को हराने,दबाने के लिए दो बहुत हैं।

एक के दस सुनाना- एक के बदले दस बात कहना ।

एक चना भाड़ नहीं फोड़ सकता- अकेले कठिन कार्य नहीं हो सकता।

एक जान दो कातिल- अभिन्न गहरी दोस्ती ।

एक जान हजार गम- अनेकों चिन्ताएँ, कोफ्त होना ।

एक तवे की रोटी क्या मोटी क्या छोटी- एक ही कुल घराने के सभी आदमी बराबर हैं।

एक थैली के चट्टे-बट्टे - दोनों में कोई वास्तविक अन्तर नहीं।

एक न शुद दो शुद- एक विपत्ति में दूसरी विपत्ति आना ।

एक पंथ दो काज- एक उपाय से दो कार्य का सिद्ध होना ।

एक पाँव भीतर एक पाँव बाहर- हमेशा कार्य में फँसे रहना ।

एक पाँव रिकाब  में होना- यात्रा के लिए हमेशा तैयार रहना ।

एक पाँव पर खड़ा रहना- आज्ञा पालन के लिए तैयार रहना ।

एक लाठी से सबको हाँकना-सबके साथ एक सा व्यवहार करना ।

एक से दो होना- व्याह हो जाना, अकेलापन खत्म होना ।

एक हत्या करना- एकाधिकार,इजारा कायम करना

एड़ देना (लगाना)- (घोड़े को) आगे बढ़ाने के लिए एड़ मारना।

एड़ी चोटी का पसीना एक करना- बहुत मेहनत, कोशिश करना ।

एड़ियाँ रगड़ना- बहुत कष्ट भोगना ।

ऐब करने को हुनर चाहिए- दोष छिपाने के लिए भी गुण चाहिए ।

ऐरा गैरा नत्थू खैरा- जिसकी कोई हैशियत न हो, साधारण जन ।


ओ-औ से बनने वाले मुहावरें ।

 

ओंठ चबाना-क्रोध प्रकट करना।

ओंठ चाटना-स्वाद की लालसा रह जाना।

ओंठ चूसना- चुम्बन करना।

ओंठ फड़कना- अत्यधिक क्रोधित होना।

ओंठों में कहना- बहुत धीरे बोलना।

ओखली में सिर देना- हानि सहने को तैयार होना।

ओढ़ना उतारना- अपमानित करना।

ओढ़ना ओढ़ाना- विधवा स्त्री के साथ सगाई करना।

ओढ़ना बिछौना बना लेना- हर वक्त काम में लाना।

ओढ़नी बदलना-सहेली बनाना, मित्रता बदलना

ओर निबाहना- अन्त तक कर्तब्य पूरा करना।

ओलती तले का भूत- अपना सब भेद जानने वाला।

ओस का मोती- क्षणभंगुर

ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती- थोड़ी बस्तु में आवश्यकता की पूर्ति न होना।

ओस पड़ना- उदासी छा जाना।

ओला पड़ना-नष्ट हो जाना।

औंधी खोपड़ी- मूर्ख।

और ही कुछ- सबसे निराला,जुदा अनूठा।

औसान खता होना- होश-हवास ठिकाने न रहना,घबरा जाना।





हिन्दी के मुहावरों को एकत्र करके मुहावराकोश तैयार करना मेरा एक ख्वाब था , मैं इस कार्य को बड़े चाव से कर रहा हूँ। मैने अथक परिश्रम करके हिन्दी के लगभग दो हजार मुहावरों को एकत्र करने में सफलता पायी है। बहुत कम समय में यह आप तक उपलब्ध हो जाएगी। आपके शुभेक्षा की कामना रहेगी ।

                                                    निरन्तर प्रयासरत.....................

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आचार्य प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर -पाठ्यपुस्तक

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पूर्वमध्यमा प्रथम (9)- पाठ्यपुस्तक

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मेरा नाम चन्द्रदेव त्रिपाठी 'अतुल' है । सन् 2010 में मैने इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज से स्नातक तथा 2012 मेंइलाहाबाद विश्वविद्यालय से ही एम. ए.(हिन्दी) किया, 2013 में शिक्षा-शास्त्री (बी.एड.)। तत्पश्चात जे.आर.एफ. की परीक्षा उत्तीर्ण करके एनजीबीयू में शोध कार्य । सम्प्रति सन् 2015 से श्रीमत् परमहंस संस्कृत महाविद्यालय टीकरमाफी में प्रवक्ता( आधुनिक विषय हिन्दी ) के रूप में कार्यरत हूँ ।
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