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प्रश्नपत्र-2019
शास्त्रिपरीक्षायाम्
द्वितीयवर्षे
हिंदीविषये
‘ख’वर्गे
अष्टमप्रश्नपत्रम्
समय-घण्टात्रयम् सम्पूर्णांकाः-100
उत्तीर्णांकाः-36
खण्ड क
(व्याख्यात्मक
/निबंधात्मक )
1.निम्नलिखित गद्य खंडों में से किन्ही दो की संदर्भ सहित व्याख्या
कीजिए-
10*2=20
(अ) संसार में जो बात जैसी दीख पड़े कवि को उसे वैसी
ही वर्णन करना चाहिए। उसके लिए किसी तरह की रोक या पाबन्दी का होना अच्छा नहीं।
दबाव से कवि का अंश दब जाता है। उसके मन में जो भाव आप ही आप पैदा होता हैं उन्हें
जब वह निडर होकर अपनी कविता में प्रकट करता है तभी उसका असर लोगों पर पूरा-पूरा
पड़ता है। बनावट से कविता बिगड़ जाती है।
(ख) रवींद्रनाथ ने इस भारतवर्ष
को 'महामानव समुद्र' कहा
है। विचित्र देश है यह! असुर आए, आर्य आए, शक आए, हूण आए, नाग
आए, यक्ष आए, गंधर्व आए - न
जाने कितनी मानव जातियाँ यहाँ आईं और आज के भारतवर्ष के बनाने में अपना हाथ लगा
गईं। जिसे हमें हिंदू रीति-नीति कहते हैं, वह अनेक आर्य
और आर्येतर उपादानों का अद्भुत मिश्रण है।
(ग) शैशव की स्मृतियों में एक
विचित्रता है। जब हमारी भावप्रणवता गम्भीर और प्रशान्त होती है,
तब अतीत की रेखाएँ कुहरे में से स्पष्ट होती हुई वस्तुओं के समान
अनायास ही स्पष्ट-से-स्पष्टतर होने लगती हैं; पर जिस समय हम
तर्क से उनकी उपयोगिता सिद्ध करके स्मरण करने बैठते हैं, उस
समय पत्थर फेंकने से हटकर मिल जाने वाली, पानी की काई के
समान विस्मृति उन्हें फिर-फिर ढक लेती है।
2.’गुण्डा अथवा ‘चीफ की दावत’ कहानी की तात्विक समीक्षा कीजिए । 20
खण्ड-ख
(लघूत्तरीय)
3.आत्मकथा अथवा जीवनी के उद्भव एवं विकास का संक्षिप्त परिचय दीजिए ।
10
4. ‘आँगन का पंक्षी’ अथवा ‘मारेसि मोहि कुठाँव’ शीर्षक निबन्ध का
सारांश लिखिए । 10
5 ‘हजारी प्रसाद द्विवेदी’ अथवा ‘हरिशंकर परसाई’ की निबन्ध कला पर
प्रकाश डालिए। 10
खण्ड – ग
(अतिलघूत्तरीय)
5.अधोलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 3*10=30
(क)किन्ही तीन जीवनी लेखक के नाम लिखिए ।
(ख) सरस्वती पत्रिका का सम्पादन किसन और कब किया ।
(ग)शिव प्रसाद सिंह की ती कहानियों के नाम लिखिए ।
(घ) ‘वापसी’ किसकी कृति है ।
(ङ) ‘हजारी प्रसाद द्विवेदी’ के निबन्ध संग्रहों का नांम लिखिए ।
(च) ‘मुंशी प्रेमचन्द’ की तीन कहानियों का नाम लिखिए ।
(छ) किन्हीं दो संस्मरणकारों के नाम लिखिए ।
(ज) रेखाचित्र किसे कहते हैं । दो रेखाचित्रकारों के नाम लिखिए ।
(झ) ‘रामा’ किसकी कृति है ।
(ञ) प्रेमचन्दोत्तर तीन कहानीकारों के नाम लिखिए।
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