ज्ञानाश्रयी शाखा (सन्त काव्य)- 1.विशेषताएँ ।1. सभी सन्त निर्गुण ईश्वर में विश्वास रखते हैं। निर्गुण ईश्वर ही घट-घट में व्याप्त है और एकमात्र ज्ञानगम्य है। वह अविगत है उसे बाहर ढूढ़ने की आवश्यकता नहीं है। भक्ति की जगह ज्ञान को अधिक महत्व दिया गया है।2. सन्त कवियों ने अवतारवाद एवं बहुदेववाद का निर्भीकतापूर्वक...
रीतिकाल- इतिहास, प्रवृत्तियाँ, विशेषताएँ, अन्य
रीतिकाल- इतिहास, प्रवृत्तियाँ, विशेषताएँ, अन्यरीतिकालीनकाव्य की विशेषताएँ 1. रीतिकाल का काव्य यद्यपि श्रृंगारप्रधान है पर इस श्रृंगार रस की साधना में जीवन के सन्तुलित दृष्टिकोण का नितान्त अभाव है। एन्द्रियता की प्रचुरता है,रसिकता की प्रधानता है । 2. प्रदर्शन...
जयशंकर प्रसाद
जयशंकर प्रसाद1.आशा सर्ग- आशा सर्ग कामयनी महाकाव्य से लिया गया है ।1.आशा सर्गऊषा सुनहले तीर बरसती,जयलक्ष्मी सी उदित हुयी ।उधर पराजित कालरात्रि भी,जल में अन्तर्निहित हुयी ।। 1वह विवर्णमुख त्रस्त प्रकृति का, आज लगा हँसने फिर से ।वर्षा बीती हुयी सृष्टि में, शरद विकास नए सिर से ।। 2नवकोमल आलोक विखरता,हिम- संसृति पर भर अनुराग ।सित सरोज...