श्रीमत् परमहंस संस्कृत महाविद्यालय टीकरमाफी,अमेठी
ग्रंथमाला-03
संस्कृत व्यवहारिक शब्दावली
सम्पादनकर्ता
चन्द्रदेव त्रिपाठी “अतुल”
नाम पृष्ठ संख्या
1.अन्नवर्ग - अन्नों के नाम ..........01
2.आयुध वर्ग- अस्त्रों शस्त्रों के नाम........
01
3.कृषि वर्ग ...................................02
4.क्रीडासन वर्ग- खेल सम्बन्धी नाम.............02
5.दिक्काल वर्ग- समय सम्बन्धी नाम..........03
6.देव वर्ग- देवता सम्बन्धी नाम.............03
7.नाट्यवर्ग- नाटक सम्बन्धी नाम.........04
8.पक्षिवर्ग................................04
9.पशुवर्ग - पशुओं के नाम....................05
10.पुर वर्ग....................................06
11.पुष्पवर्ग- फूलों के नाम.......................07
12.पात्राणां नामानि...........................07
13.पानादि, भक्ष्य एवं मिष्ठान्न वर्ग.............08
14.ब्राह्मण वर्ग...............................09
15.प्रसाधन एवं आभूषण वर्ग...............10
16.फलानि-फलों के नाम................11
17.वारि वर्ग, व्योम वर्ग...................12
18.वृक्षानां नामानि – वृक्षों के नाम............13
19.गृह वर्ग....................................14
20.रोग वर्ग..............................15
21.विद्यालय सम्बन्धि शब्दाः..............15
22.वैश्य वर्ग..................................16
23.शरीरस्य अंगानि- शरीर के अंगों के नाम.....17
24.शाकम् – सब्जियों के नाम.............18
25.व्यापार वर्ग.................................19
26.शिल्पसूचक शब्दाः-
शिल्पसम्बन्धी.........20
27.शैल वर्ग- पर्वत सम्बन्धी................21
28.वस्त्राणां नामानि – वस्त्रों के नाम..........21
29.सम्बन्ध सूचक शब्दाः..................22
30.सैन्यवर्ग..................23
31.धातु वर्ग...............24
1.अन्नवर्ग -
अन्नों के नाम
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अणुः- बासमती चावल
अन्नम्- अन्न
आढ़की- अरहर
कलायः- मटर
कोद्रवः- कोदो
गोधूमः-गेहूँ
चणकः- चना
चणकचूर्णम्- वेसन
चूर्णम्- आँटा
तण्डुलः- चावल
तिलः- तिल
द्विदलम्- दाल
धान्यम्- धान
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प्रियंगुः – बाजरा
मसूरः – मसूर
माषः – उड़द
मिश्रचूर्णम् – मिस्सा आटा
मुद् गः – मूँग
यवः – जौ
यवनालः – ज्वार
रसवती- रसोई
वनमुद्गः- लोभिया
व्रीहिः – धान
शस्यम्- अन्न (खेत में विद्यमान)
श्यामाकः – सावां
सर्षपः – सरसों
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2.आयुध वर्ग- अस्त्रों शस्त्रों के नाम
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आयुधम् - शास्त्र-अस्त्र
आयुधागारम् - शास्त्रागार
आहवः- युद्ध
कबन्धः- धड़
करबालिका - गुप्ती
कारा- जेल
कार्मुकम्- धनुष
कौक्षेयकः - कृपाण
गदा - गदा
छुरिका - चाकू
जिष्णुः - विजयी
तूणीरः - तूणीर
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धन्विन् – धनुर्धर
प्रहरणम् - शस्त्र
प्रासः - भाला
वर्मन् - कवच
विशिखः - बाण
वैजयन्ती - पताका
शरव्यम् – लक्ष्य
शल्यम् - वर्छी
सायुंगीनः - रणकुशल
सादिन् - घुड़सवार
हस्तिपकः – हाथीवान
तोमरः – गँड़ासा
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3.कृषि वर्ग
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उर्वरा - उपजाऊ
ऊषरः –
ऊसर
कणिशः – बाल
कोटिशः - धुर्मुश
कृषिः –
खेती
कृषियन्त्रम् - खैती का औजार
कृषीवलः – किसान
क्षेत्रम् - खेत
खनित्रम् -फावड़ा
खनियन्त्रम् - ट्रैक्टर
खलम् –
खलिहान
खाद्यम् –
खाद
तुषः –
भूसी
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तोत्त्रम् - चाबुक
दात्रम् –
दँराती
पलालः – पराल
फालः – हल की फाल
बुसभ् – भूसा
मृत्तिका – मिट्टी
लाड़्गलम् – हल
लोष्टम् – ढेला
लोष्टभेदनः –मुँगरी, पटरा
वसुधा – पृथ्वी
शाद्वलः – शस्य श्यामल
सीता – जुती भूमि
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4.क्रीडासन वर्ग- खेल सम्बन्धी नाम
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आसन्दिका – कुर्सी
उपस्करः – फर्नीचर
कन्दुकः – गेंद
काष्ठपरिष्करः – रैकेट
काष्ठमंजूषा – आलमारी
काष्ठासनम् – बेंच
क्रीडाप्रतियोगिता- मैच
क्षेपककन्दुकः – वालीवाल
खट्वा – खटिया
जालम् – नेट
निर्णायकः – रेफरी
पत्रिक्रीड़ा – बैटमिंटन
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पर्पः – चारों ओर मुड़ने वाली कुर्सी
पर्यंङ्कः – सोफा
पल्यङ्कः – पलंग
पादकन्दुकः – फुटबाल
पुस्तकाधानम् – बुकरैंक
प्रक्षिप्त- कन्दुक-क्रीडा – टेनिस का खेल
फलकम् -
मेज
मञ्जूषा- संदूक, पेटी
यष्टि-क्रीड़ा – हाकी का खेल
लेखनपीडम् – डेस्क
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5.दिक्काल वर्ग- समय सम्बन्धी नाम
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अपराह्नः – तीसरा पहर
उदीची – उत्तर
कला -
मिनट
काष्ठा – दिशा
घटिका – घड़ी
दक्षिणा – दक्षिण
दिवसः – दिन
दिवा – दिन में
नक्तम् – रात में
निदाघः – ग्रीष्म ऋतु
निशीथः – आधी रात
पराह्नः – दोपहर के बाद का समय
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पूर्वाह्नः – दोपहर के पहले का समय
प्रत्यूषः – प्रातः
प्रदोषः – सूर्यास्त समय
प्रतीची – पश्चिम
प्राची – पूर्व
प्रावृष् – वर्षा – काल
मध्याह्नः – दोपहर का समय
रात्रिन्दिवम् – दिन-रात
वादनम् – बजे
विकला – सेकेण्ड
विभावरी – रात
वेला – समय
हीरा – घण्टा
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6.देव वर्ग- देवता सम्बन्धी नाम
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अच्युतः – विष्णु
असुरः – राक्षस
कृतान्तः – यम
कृशानुः – अग्नि
त्रयम्बकः – शिव
नाकः – स्वर्ग
पविः – वज्र
पीयूषम् – अमृत
पुष्पधन्वन् – कामदेव
पौलोमी – इन्द्राणी
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प्रचेतस् – वरूण
मनुष्यधर्मन – कुबेर
मातरिश्वन् – वायु
लक्ष्मीः – लक्ष्मी
वेधस् – ब्रह्मा
शतक्रतुः - इन्द्र
शार्वाणी – पार्वती
सुरः – देवता
सेनानीः – कार्तिकेय
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7.नाट्यवर्ग- नाटक सम्बन्धी नाम
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अवरोहः – उतार
आरोहः – चढ़ाव
कोणः – मिजराव
जलतरङ्गः – जलतरङ्ग
डिण्डिमः – ढिढोरा
ढौलकः – ढोलक
तन्त्रीकवाद्यम् – पियानो
तानपूरः –तानापूरा
तारः – तीव्रस्वर
तूर्यम् – तुरही
दुन्दुभिः – नगाड़ा
नवरसाः - नवरस
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पटहः – ढोल
मञ्जीरम् – मंजीरा
मध्यः - मध्यम स्वर
मनोहारिवाद्यम् -
हारमोनियम्
मन्द्रः – कोमल स्वर
मुरजः – तबला
मुरली – बाँसुरी
वादित्रगणः – बैण्ड
वीणावाद्यम् – बीनबाजा
सप्तस्वराः – सात स्वर
सारङ्गी – वायोलिन, सारंगी
संज्ञाशंखः – विगुल
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8.पक्षिवर्ग
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कीरः – तोता
कुक्कुटः – मुर्गा
कुलायः – घोंसला
कौशिकः – उल्लू
खञ्जनः – खञ्जन
गृध्रः – गिद्ध
चकोरः – चकोर
चटका – चिड़िया (गौरैया)
चक्रवाकः – चकवा
चातकः – चातक
चाषः – नीलकण्ठ
चिल्लः – चील
टिट्टिभिः – टिटिहीर
तित्तिरः – तीतर
दार्वाघाटः - कठफोड़ा
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ध्वाङ्क्षः – कौआ
परभृतः – कोयल
पारावतः – कबूतर
बकः – बकुला
बर्हिन् -
मोर
मरालः – हंस
लावः – बटेर
वर्तकः – बतख
वरटा – हंसी
शलभः – टिड्डी, पतंगा
श्येनः – बाज
षट्पदः – भौंरा
सरघा -
मधुमक्खी
सारसः – सारस
सारिका – मैना
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9.पशुवर्ग - पशुओं के नाम
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उष्ट्र‚ क्रमेलकः - ऊट
कच्छप: -
कछुआ
कर्कट: ‚ कुलीरः - केकड़ा
श्वान:, कुक्कुर:‚ सारमेयः - कुत्ता
सरमा‚ शुनि - कुतिया
कंगारुः -कंगारू
कर्णजलोका -कनखजूरा
शशक: - खरगोश
गो, धेनु: -
गाय
खड्.गी - गैंडा
श्रृगाल:‚ गोमायुः - गीदड (सियार)
चिक्रोड: -गिलहरी
कृकलास: -गिरगिट
गोधा - गोह
गर्दभ:, रासभ:‚ खरः - गधा
अश्व:, सैन्धवम्‚ सप्तिः‚ वाजिन्‚ हयः रथ्यः‚
- घोड़ा
मूषक: - चूहा -
तरक्षु:, चित्रक: - चीता
चित्ररासभ: - चित्तीदार घोड़ा
छुछुन्दर: - छछूंदर
गृहगोधिका - छिपकली
चित्रोष्ट्र - जिराफ
मृग:- हिरन
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नकुल: - नेवला
गवय: - नीलगाय
वृषभ: ‚ उक्षन्‚ अनडुह - बैल
मर्कट: -
बन्दर
व्याघ्र:‚ द्वीपिन् - बाघ
अजा - बकरी
अज: - बकरा
वनमनुष्य: - बनमानुष
मार्जार:, बिडाल:
- बिल्ली
भल्लूक: -
भालू
महिषी - भैस , महिषः भैंसा
वृक: - भेंडिया
मेष: - भेंड
उर्णनाभः‚ तन्तुनाभः‚ लूता - मकड़ी
मकर: ‚ नक्रः - मगरमच्छ
मत्स्यः‚ मीनः‚ झषः - मछली
दर्दुरः‚ भेकः - मेंढक
लोमशः - लोमडी
सिंह:‚ केसरिन्‚ मृगेन्द्रः‚ हरिः -
शेर
सूकर:‚ वराहः - सुअर
शल्यः - सेही
हस्ति, करि, गज: - हाथी
तरक्षुः - तेंदुआ
जलाश्व: - दरियाई घोड़ा
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10.पुर वर्ग
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अट्टः – अटारी
अन्तः पुरम् – रनिवास
अजिरम् – आँगन
अलिन्दः – घर के बाहर का चबूतरा
आपणः – दूकान
उटजः – झोपड़ी
उपवेशगृहम् – ड्राइंग रूम
कुटी – कुटिया
कोटपालिका – कोतवाली
गोपुरम्- मुख्यद्वार
आमः – गाँव
चतुःशालम् – चारों ओर मकान बीच में आँगन
चतुष्पथः – चौक, चौराहा
चत्वरम् – चबूतरा
जनमार्गः – रास्ता
त्रिभूमिकः – तिमंजिला
द्वारम् – द्वार
द्विभूमिकः – दुमंजिला
दृढ़मार्गः – पक्की सड़क
नगराध्यक्षः – म्युनिसिपल चेयरमैन
नगरपालिका – म्युनिसीपैलिटी
नगरम् – शहर
नगरी – कस्बा
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निगमः – कार्पोरेशन
निश्रेणिः – सीढ़ी काठ आदि की पथिकालयः –
मुसाफिरखाना
पुरोद्यानम् – पार्क
प्रपा – प्याऊ
प्राकारः – परकोटा
प्रासाद – महल
भवनम् – मकान
भाण्डागारम् –स्टोररूम
भित्तिः – दीवार
भोजन गृहम् – डाइंगरूम
मण्डपः – मण्डप
महाहट्टः – मण्डी
मार्गः – सड़क
मृन्मार्गः – कच्ची सड़क
रथ्या – चौड़ी सड़क
रक्षिस्थानम् – थाना
राजमार्गः – मुख्य सड़क
वलभी – छज्जा
विपणिः – बाजार
वीथिका – गली, गैलरी
वेदिका – वेदी
वृत्तिः – बाड़, घेरा
सोपानम् – सीढ़ी
स्नानागारम् - बाथरूम
निगमाध्यक्षः – मेयर
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11.पुष्पवर्ग- फूलों के
नाम
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इन्दीवरम् – नीलकमल
कणिकारः – कनेर
कह्लारम् – सफेद कमल
कुन्दम् – कुन्द
कुमुदम् – श्वेत कमल
कुमुदनी – कुमुद की लता
कुवलयम् – नीलकमल
कोकनदम् – लाल कमल
जपापुष्पम् – जवाकुसुम
नलिनी – पद्मसमूह
नवमालिका – नेवारी
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पुण्डरीकम् – सफेद कमल
प्रसूनम् – फूल
बकुलः – मौलसरी
बन्दुकः – दुपहरिया
मकरन्दः – पराग
मल्लिका – बेला
मालती – चमेली
यूथिका – जूही
शेफालिका – हरसिंगार
स्तबकः – गुलदस्ता
स्थलपद्मम् – गुलाब
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12.पात्राणां नामानि
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उखा- सास पैन
उदंचनम्- बाल्टी
उद्ध्मानम्- स्टोव
ऋजीषम् -तवा
कटोरम्- कटोरा
कसोरिका- कटोरी
करकः - लोटा
काचघटी- जार (कांच का)
काचचषक:- कांच का गिलास
कंस: -
गिलास
घट:, कुम्भ:- घड़ा
चमस:- चम्मच
चषक: - प्याला
चषक:- गिलास
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दर्वी- करछुल
द्रोणि:, द्रोणी -टब (पानी का )
धिषणा-तसला
पिष्ठपचनम् – तई, जलेबी आदि पकाने की
वारिधि:- कण्डाल
शराव:- प्लेट
सन्दंश:- चिमटा
स्थालिका, थाली
स्थाली - पतीली
स्वेदिनी, कटाह:- कडाही
हसन्ती- अंगीठी
हस्तधावनी, - चिलमची
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13.पानादि, भक्ष्य एवं मिष्ठान्न वर्ग
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अभ्यूषः – डबलरोटी
अवदंशः – चाट
कन्दुः – केतली
कफघ्नी – कॉफी
कूलपी – कुल्फी
गुल्यः – टॉफी, मीठी गोली
चायम् – चाय
चायपात्रम्- चाय का वर्तन, टी पाट
चायपानम् – चाय-पानी
जलपानम् – जलपान
दधिवटकः – दही-बड़ा
दालमुद्गः – दालमोट
पक्कवटिका – पकौड़ी
अपूपः- मालपूआ
अमृती – इमरती
अवलेहः – चटनी
आज्यम् – घी
कलाकन्दः – कलाकन्द
कान्दविकः – हलवाई
किलाटः – खोवा
कुण्डली – जलेबी
कूर्चिका – रबड़ी
कौष्माण्डम् – पेठे की मिठाई
कृशरः – खिचड़ी
क्षीरम् – दूध
गजकः – गजक
घृतपूरः – घेवर
तक्रम् – मट्ठा
दधिकम् – लस्सी
दुग्धपूपिका – गुलाबजामुन
नवनीतम् – मक्खन
पक्कान्नम् – पकवान
पर्पटी – पपड़ी
पायसम् – खीर
पिण्डः – पेड़ा
पिष्टिका – कचौड़ी
पूपः – पूआ
पूपला – फुलकी
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पक्कालुः – आलू की टिकिया
पिष्टकः – बिस्कुट
पिष्टान्नम् – पेस्ट्री
पुलाकः – पुलाव
भ्रष्टापूपः – टोस्ट
लवणान्नम् – नमकीन
व्यञ्जनम् – मसाला, मसालेदार पदार्थ
सग्धिः – सहभोज
सपीतिः – टी-पार्टी
समोषः – समोसा
सहभोजः – डिनरपार्टी
सूत्रकः – नमकीन सेव
लप्सिका – हलुआ
वाताशः – बतासा
शर्करा – शक्कर
शर्करापालः – शक्करपारा
शष्कुली- खस्ता पूरी
शाकः – साग
सन्तानिका – मलाई
सन्धितम् – अचार
सिता – चीनी
सूत्रिका – सेंवईं
सूपः – दाल
संयावः – गुझिया
हैमी - बर्फी
पूपिका –पराठा
पूलिका – पूरी
मधुमण्ठः – बालूशाही
मधुशीर्षः – खाजा
मिष्ठान्नम् – मिठाई
मिष्ठपाकः – मुरब्बा
मोदकः – लड्डू
मोहनभोगः – मोहनभोग
यवागूः – लपसी
रसगोलः – रसगुल्ला
राज्यक्तम् – रायता
रोटिका – रोटी
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14.ब्राह्मण वर्ग
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अग्रजन्मन – ब्राह्मण
अध्वरः – यज्ञ
अनूचानः – सांगवेदज्ञ
अन्तेवासिन् – शिष्य
अन्ववायः – वंश
आस्थानम् – सभागृह
इष्टापूर्तम् – धर्मार्थ यज्ञादि
चातुर्वर्ण्यम् – चारों वर्ण
नियमः – नियम
पौर्णमासः – पूर्णिमा का यज्ञ
प्राघुणः – अतिथि, पाहुन
मस्करिन् - सन्यासी
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यज्वन् – यज्ञकर्ता
यमः – यम
वाचंयमः – मुनि
विपक्षित – विद्वान
विश्राणनम् – देना
श्रोत्रियः – वेदपाठी
सपर्या – पूजा
सभासद – सदस्य
समावृतः – स्नातक
समितिः – समिति
संसद – लोकसभा
स्थण्डिलम् - चबूतरा
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15.प्रसाधन एवं आभूषण वर्ग
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अंगुलीयकम् , उर्मिका – अंगूठी
अलक्तकः - लाक्षारस
आभरणम् – आभूषण
उद्वर्तनम् – उबटन
एकावली -एक लडी का हार
ओष्ठरंजनम् – लिपिस्टिक
कंकण: , कंकणम् – कंगन
किंकिणी -घुंघरू
कज्जलम् – काजल
कटक:, आवापक: -पहुँची
कटक: -सोने का कड़ा
कण्ठाभरणम्, कण्ठिका -कण्ठहार
कर्णपूर:, कर्णिका -कनफूल
कुण्डलम् -कान की बाली
काचवलय:, काचवलयम् -चूडी
केयूरम्, अंगदम् -बाजूबंद (ब्रेसलेट)
ग्रैवेयकम् –हसुली
गन्धतैलम् – इत्र
चूर्णकम् – पाउडर
छोलिका -नथ
तिलकम् – तिलक
त्रौटकम् -हाथ का तोड़ा
दन्तचूर्णम्- मंजन
दन्तधावनम् – ब्रश
दन्तपिष्टकम् – टूथपेष्ट
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दर्पणः – शीशा
नखरंजनम् – नेलपालिश
नासापुष्पम् – नाक का फूल
नासाभरणम् – नथ, बुलाक
नूपुरम् – पाजेब
पत्रलखा- पत्रलेखा
पादाभरणम् –लच्छा
प्रसाधनी – कंघी
फेनिलम् – साबुन
बिन्दुः – बिन्दी
मुकुटम् - मुकुट
मुक्तावली -मोती की माला
मुद्रिका -अंगूठी (नामांकित)
मेखला, कांचि: -करधनी
मेन्धिका – मेंहदी
रोममार्जनी - ब्रुश
ललाटाभरणम् – टिकुली
ललाटिका – टीका
शरः – क्रीम
श्रृंगारधानम् – सिंगार दान
श्रृंगारफलकम् – ड्रेसिंग टेबल
सिन्दूरम् – सिन्दूर
स्रज् – पुष्पमाला
हारः – मोती का हार
हैमम् - स्नो
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16.फलानि-फलों के नाम
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आम्रम्‚ रसालः‚
सहकारः -आम
द्राक्षाफलम्‚ मृद्वीका अंगूर दाडिमम्- अनार आर्द्रालुः- आडू अनानासम् -अनानास अंजीरम् अंजीर अक्षोटम् अखरोट बीजपूरम्‚ आम्रलम्‚ -अमरूद अमृतफलम् दृढबीजम्‚ आंवला - आमलकम् इमली - तिंतिडीकम्‚ तिंतिडी केला - कदलीफलम् कैंथ - कपित्थ कदम्ब - कदम्बम्‚ नीपः करौंदा – करमर्दकः कत्था - खदिर: कंदमूल - कंदमूलम् कटहल - पनसम् खजूर -खर्जूरम्
चकोतरा – मधुकर्कटी
जामुन - जम्बूफलम्
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तरबूज - कलिंगम्
नींबू - निम्बुकम्, जम्बीरम् नारियल – नारिकेलः मौसमी (मुसम्मी) - मातुलुंगम् महुआ – मधूकः मकोय – स्वर्णक्षीरी नासपाती - अमृतफलम् नारियल - नारिकेलम् पपीता - मधुकर्कटी फालसा- बेर - बदरीफलम् बेल - बिल्वम् शरीफा - सीताफलम् शहतूत - सन्तरा - नारंगम् सेब - सेवम् लीची – लीचिका
खूबानी -
खरबूजा -वृत्तकर्कटी गूलर - उदुम्बरम् चीकू - |
17.वारि वर्ग, व्योम वर्ग
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अर्णवः – समुद्र
आपगा – नदी
आर्वतः – भौंर
आहावः – हौज, टैंक
कच्छपः – कछुआ
कर्णधारः – नाविक , खिवैया
कर्दम् – कीचड़
कुलीरः – केकड़ा
कूलम् – तट
तोयम् – जल
अवग्रहः – अवृष्टि
अवश्यायः – हिम, बर्फ
आतपः – धूप
आसारः – मूसलाधार वर्षा
इन्द्रायुधम् – इन्द्रधनुष
उत्तरायणम् – उत्तरायण
करकाः – ओले
गभस्तिः – किरण
ज्योत्सना – चाँदनी
दक्षिणयानम् – दक्षिणायन
दर्शः – अमावस्या
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नक्रः – मगर
नौः – नाव
पोतः – पानी का जहाज
भेकः – मेढक
मीनः – मछली
वीचिः – तरंग
सरस् – तालाब
सरसी – झील
सैकतम् – रेतीला
ह्रदः – बड़ी झील
द्वादशराशयः – बारह राशियाँ
नक्षत्रम् – नक्षत्र
नवग्रहाः – नवग्रह
राका – पूर्णिमा
वियत् – आकाश
वृष्टिः – वर्षा
शीकरः – जल- कण
सप्तसप्तिः – सूर्य
सप्ताहः – सप्ताह
सुधांशु- चन्द्रमा
सौदामिनी – विद्युत
स्तनितम् - मेघगर्जन
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18.वृक्षानां नामानि – वृक्षों के नाम
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आक – अर्कः
आँवला – आमलकः आड़ू – आर्द्रालुः अंजीर – अंजीरः अखरोट – अक्षोटः अंगूर – द्राक्षा‚ मृद्वीका आबनूस – तमालवृद्वाः अमरूद – बीजपूरः अशोक – अशोकः आम – सहकारः‚ रसालः‚ आम्रम् इमली – तिन्तिडीकम् इलाइची – एला कल्पवृक्ष – कल्पवृक्षः कटहल – पनसः
कत्था- खादिरः
कदम्ब – नीपः
करौंदा – करमर्दकः केला – कदली खजूर – खर्जूरम् गूलर – उदुम्बरम् चीकू – चीड़ – भद्रदारुः चन्दन – चन्दनम् चाय – चायम् जामुन – जम्बू
ढाक – पलाशः
ताड़ – तालवृक्षः
तुलसी – तुलसिका
देवदारु – देवदारुः‚ देववृक्षः
धतूरा – धत्तूरः
इन्धनम् – ईंधन
करीरः – करील
काननम् – वन
किसलयम् – कोंपल
गुग्गुलः – गूगूल
तमालः – आबनूस
दारूः – लकड़ी
पर्णम् – पत्ता
प्रियालः - प्याल
भद्रदारूः – चीड़
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नींबू – जम्बीरम्
नारियल – नारिकेलः नाशपाती – अमृतफलवृक्षः नींम – निम्बवृक्षः पारिजात – पारिजातः पाकड़ – प्लक्षः पान – ताम्बूलम् पपीता – मधुकर्कटीवृक्षम् पीपल – अश्वत्थः बड़- न्यग्रोधः बरगद – वटवृक्षः महुआ – मधूकः
बेल- बिल्वः
मुसम्मी – मातुलुंगः मेंहदी – मेन्धिका
रीठा- फेनिलः
लीची – लीचिका लिसोड़ा – श्लोष्मातकः
लौकी- अलाबुः
रेंड़ – एरण्डः शीशम – शिंशपा शरीफा – सीताफलवृक्षः सफेदा – साल – सालः संतरा – नारंगम् सेव – सेवम् सर्ज – सर्जः सेमर – शाल्मलिः साखू – हरसिंगार – शेफालिका
मूलम् –जड़
वल्लरिः – बौर
विटपिनः – वृक्ष
व्रततिः – लता
वृन्तम् – डंठल
श्लेष्मातकः –लिसोड़ा
सर्जः – सर्ज
सालः –साल का पेड़
सिन्दूरः – बाँझ का पेड़
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19.गृह वर्ग
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अर्गलम् – अर्गला
अश्मचूर्णम् – सीमेन्ट
कपाटम् – किवाड़
कक्षा – कमरा
काचः – काँच
कीलः – चटकनी
कुट्टिमम् – फर्श
खर्परः – खपड़ा
खर्परावृत्तम् – खपरैल का
गवाक्षः – खिड़की
छदिः – छत
तृणम् – फूस
त्रपुः – टीन
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त्रपुफलम्- टीन की चद्दर
दारूः – लकड़ी
नागदन्तः – खूँटी
पटलगवाक्षः – स्काईलाइट
प्रकोष्ठः – पोर्टिको
प्रणालिका – नाली
प्रलेपः – प्लास्टर
महाकक्षः – हाल
लघुकक्षः – कोठरी
लौहफलकम् – लोहे की चद्दर
वरण्डः – बरामदा
स्तम्भः - खम्भा
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20.रोग वर्ग
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अजीर्णम् – कब्ज
अतिसारः – दस्त
अर्शस् – बवासीर
उपदंशः – गरमी , सिफलिस
कासः – खाँसी
ज्वरः – बुखार
पाण्डुः – पीलिया
पक्षावातः – लकवा मारना
पिटकः – फोड़ा
पिटिका – फुंसी
प्रतिश्यायः – जुकाम
प्रमेहः – प्रमेह
प्रलापकज्वरः – निमोनिया
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प्रवाहिका – पेचिस
मधुमेहः – बहुमूत्र, डायविटीज
मन्थरज्वरः – मोतीझरा
रक्तचापः – ब्लडप्रेशर
राजयक्ष्मन् – तपेदिक, टीबी
वमुथः – कै
विद्रधिः – कैन्सर
विषमज्वरः – मलेरिया
विषूचिका – हैजा
शीतज्वरः – इन्फ्लूएंजा, फ्लू
शीतला – चेचक
संनिपातज्वरः – टाइफाइड
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21.विद्यालय सम्बन्धि शब्दाः
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अङ्कः- नम्बर
अध्यापकः- अध्यापक
अध्येता- छात्र
अध्येत्री- छात्रा
अनुपस्थितः- गैरहाजिर
अन्तेवासी – शिष्य
अवकाशः – छुट्टी
अश्मपट्टिका – स्लेट
आचार्यः – शिक्षक
उपकुलपतिः – वाइस चांसलर
उपशिक्षासंचालकः –डिप्टी डायरेक्टर
उपस्थितः – हाजिर
कक्षा – क्लास, जमात
कलमः – कलम
कागदः – कागज
कुलपतिः – चांसलर
घर्षकः – रबड़
तूलिका - पेन्सिल
धारा लेखनी – फाउण्टपेन
पत्रम् – कागज
पट्टिका – पट्टी
परीक्षा – इप्तिहान
पत्रावली – फाइल
पाठशाला- विद्यालय
पाठ्यपुस्तकम् – पाठ्यपुस्तक
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प्रधानलिपिकः – हेडक्लर्क
प्रबन्धकर्ता- मैनेजर
प्रश्नः – सवाल
प्रस्तोता – रजिस्ट्रार
प्राध्यापकः – प्रोफेसर
प्रावरणम् – जिल्द
पृष्ठम् – पेज
पंजिका – रजिस्टर
मन्दधीः – नालायक, मूर्ख
मसी – स्याही
मसीपात्रम् – दवात
मसीशोषः – सोख्ता
महाविद्यालयः – कालेज
मार्जकः – डस्टर
लेखनीमुखम् – निब
विद्यालयः – स्कूल
विवादः – झगड़ा
विश्वविद्यालयः – यूनिवर्सिटी
वेष्टनम् –बस्ता
श्यामफलकः – ब्लैक बोर्ड
सतीर्थ्यः – सहपाठी
समयसारिणी – टाइम टेबिल
सुलेखः – अच्छा लेख
संचालकः – डाइरेक्टर
संचिका – कॉपी
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22.वैश्य वर्ग
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अधमर्णः – कर्जा लेने वाला
आपणः – दूकान
आपणिकः – दूकानदार
उत्तमर्णः – कर्जा देने वाला
कुसीदम् – कर्जा देने वाला
कुसीदवृत्तिः – साहूकारा , बैंकिंग
कुसीदिकः – साहूकार
ग्राहक- लेने वाला , गाहक
दैनिकपंजिका- रोजनामचा
नामानुक्रमणिका – लेखा – बही
नाम्नि – उधार खाते
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पण्यम् -
सामान
राशिः – धन रकम ढेर
ऋणम् – कर्जा
लेखकः – मुनीम
वणिजः – वैश्य
वणिकपंजिका – बही
वाणिज्यम् – व्यापार
विक्रयः – विक्री
विपणिः – बाजार
विक्रेतृ- बेचने वाला
वृत्तिः- जीविका
संख्यानम् - हिसाब
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23.शरीरस्य अंगानि- शरीर के अंगों के नाम
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अधरम् - निचले ओंठ
अन्त्रम्- आँत
अभिषम्- माँस
आस्यम्- मुँह
उरु- जंघा
ओष्ठं- उपरी ओंठ
अंगुल्य: अँगुली
अँगुष्ठ: - अँगूठा
कपोलम् -गाल
कनीनिका- पुतली
कण्ठ: -गला
कफोणिः- कोहनी
करभः- कलाई से कनी अँगुली तक
कुक्षिः, उदरम् - पेट
केशा: , शिरोरूहः -बाल
कूर्चम्- दाढ़ी
गात्रम्- शरीर
गुल्फः- टखना, पैर के जोड़ की हड्डी
ग्रीवा- गर्दन
घ्राणम्, नासिका- नाक
जत्रु- कंधे की हड्डी
जानुः- घुटना
ठुड्डी - चिबुकम् |
जिह्वा, रसना - जीभ
दन्ता: - दाँत
दन्तपालि - मसूढे
पक्ष्म -पलक
पृष्ठम्- पीठ
पाद:- पैर पलितकेशा: -सफेद बाल भौंह - भ्रू:
मुखम्- मुख
रुधिरम्- खून
रोम- रोएँ
लोचनम्- नेत्र
ललाटम् -मस्तक
वक्षस्थलम्- सीना
वसा- चर्बी
शिखा- चोटी
शिरस्- सिर
शिरा- नस
शुक्रम्- वीर्य
श्मश्रु: – दाढी, मूँछ
स्कन्ध: - कन्धा
सीमन्तम्- माँग
श्रोणिः – कमर
हस्त: - हाँथ
हृदयम्- हृदय
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24.शाकम् – सब्जियों के नाम
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अदरक - आर्द्रकम्
आलू – आलुः आलू बुखारा - आलुकम् करेला - कारबेल्लम् कांकर - कर्कटी करौंदा - आमलकी ककडी - कर्कटी कोहडा (कद्दू) - कूष्मांड:, तुम्बी कटहल - पनसम् कुंदरू – कुंदरुः खीरा/ककडी - कर्कटी, चर्भटि: गवाक्षी - तिल्लिका गांजर - गृञ्जनम् गोभी - गोजिह्वा गांठ गोभी - कन्दशाकम् चिचिंढा - चौराई - चुकन्दर - पालङ्गशाकः टमाटर - रक्त वृन्तकम् टमाटर - हिण्डीरः टिंडा - टिंडिशः तोरई - कोशातकी, जालिनी धनिया - धान्याकम् नींबू - निम्बुकम् नींबू - जम्बीरफलं नेनुआ - जालिनी परवल - पटोलः पुदीना - अजगन्ध:
पालक - पालक्या, पालकी
पत्तागोभी - शाकप्रभेदः/हरितम्
प्याज - पलाण्डुः
फूलगोभी - गोजिह्वा बैंगन - बृन्ताकम्, भन्टाकी |
बथुआ - वास्तुकम्
भिण्डी - भिण्डिका‚ भिण्डकः,
रामकोशातकी
भांटा - भण्टाकी
मूली - मूलिका, मूलकम्
मिर्चा/मिर्ची - मरीचम् मटर - कलायः मेथी - मशरूम – छत्राकम्
लौंग- लवङ्गम्
लोबिया (बोडा) - वनमुद्गः लौकी - कुम्माण्डः लौकी - अलाबूः लहसुन - लसुनम् लौकी (पेठा) - वृहत्फलम् शकरकंद - शकरकन्दः शिमलामिर्च - महामरीचिका शिमलामिर्च - कटुविरा शलजम् - शिखामूलं, श्वेतकन्दः शतावरी - शतावरी साग - शाकम् सब्जी - शाकम् सेम – शिबिका, सिम्बा सहिजन - सुरजन: सरपुतिया - सरसो – सर्षपः सूरन - सूरण: सोवा –
सोंठ - शुंठी
सौंफ - मधुरा सिंहाड़ा – श्रृंगाटकम् हल्दी - हरिद्रा हींग - हिंगु: |
25.व्यापार वर्ग
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अभिकर्तृ- एजेन्ट, आढ़ती
अभिकरणम् – आढ़त
अर्घः – भाव, रेट
अर्घापचितिः –भाव गिरना
अर्घोपचितिः – भाव बढ़ना
आयकरः – इनकम टेक्स
आयातः – बाहर से आना
आयातशुल्कम् – आयात पर चुंगी
उपहारः – भेंट
ऋणम् – उधार
करः – टैक्स
कितवः – धोखेबाज
क्रयः – खरीद
तुला – तराजू
तोलः – तोल
तोलनम् – तोलना
निर्यातः – बाहर जाना
निर्यातशुल्कम् – निर्यात पर चुंगी
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नैष्किकः-
टकसालाध्यक्ष
न्यासः – धरोहर
प्राड्विवाकः – वकील
प्रतिभूः – जामिन
प्रतिद्वन्दिता – होड़
प्रतिश्रुतिः –प्रतिज्ञा
मन्दायनम् – मंदी
मुद्रा – सिक्का
मूलधनम् – पूँजी
मूल्यम् – मूल्य
मृत्युपत्रम् – वसीयतनामा
विक्रयकरः – सेल्सटैक्स
विनियमः – अदल-बदल
शणपुटः – बोरा
शुल्कम् – कमीशन, दलाली
शुल्काजीवः – दलाल
शौल्किकः – चुंगी का अध्यक्ष
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26.शिल्पसूचक शब्दाः- शिल्पसम्बन्धी
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अयसम्- लोहा
अयोधनः-हथौड़ी
अश्मचूर्णम्- सीमेन्ट
आवधिः- वर्मा
इष्टकः- ईंट
उपक्षुरम्- सेफ्टीरेजर
उपहासचित्रम्- कार्टून
ऐन्द्रजालिक:, आहितुण्डिक: -मदारी
करपत्रम्- आरी
कर्तरी- कैंची
कंकतकृत् – कंघावाला
कर्मकर:, भारवाह: -मजदूर
कर्णमलनिस्सारक:-कान का मैल निकालने वाला
कर्णधार:, कैवर्त:, नाविक: -मल्लाह
कुशीलव: -चारण
काचकंकणविक्रेता –चुड़िहार
कारु:-शिल्पी
कुलिकः- शिल्पिसंघ का अध्यक्ष
क्षुरम्- छूरा
क्षुरकम्- ब्लेड
कृषक:, कृषीबल: - किसान
कुम्भकार: - कुम्हार
चर्मकार: -चमार
चित्रकार: -चित्रकार, पेण्टर
जलवाह:, कहार: - कहार
डिण्डिम: -ढिढोरा पीटने वाला
तन्तुवाय: -जुलाहा
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प्रतीहार: -दरवान
पादूरञ्जकः- पालिश
भस्त्रा- धौंकनी
भर्जर:, भृष्टकार: -भडभूजा
भ्राष्ट्रम-भाड़
भृत्य:, प्रैष्य:, किंकर: -नौकर
मालाकार: -माली
यन्त्रम्- मशीन
यान्त्रिकः- मिस्त्री, मैकेनिक
रंजक: -रंगरेज
रजक: -धोबी
रसयन्त्रम्- कोल्हू
लेपक:, सुधाजीवी -लेप लगानेवाला
लौहकार: -लोहार
व्रश्चनः- छेनी
वर्तिका- ब्रश
वेतनम्- वेतन
विपणिक:, आपणिक:- दूकानदार
वीणावादक:, वैणिक:- सितारिया
वंचक: -ठग
वामन: -बौना
व्याध: -शिकारी
शस्त्रमार्ज: -धार धरने वाला
शाकविक्रेता – खटिक
शिल्पी, कारुक: -कारीगर
शिल्पशालः- फैक्टरी
श्वपच: -मेहतर
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27.शैल वर्ग- पर्वत सम्बन्धी
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अद्रिः – पर्वत
अद्रिद्रोणी – घाटी
अधित्यका – पठार
उत्सः – सोता
उपत्यका – तराई
खानिः – खान
गह्वरम् – गुफा
ग्रावा – पत्थर
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दरीं
– दर्रा
निकुञ्जः – झाड़ी
निर्भरः – पहाड़ी नाला
प्रपातः – झरना
शिला – चट्टान
श्रृङ्गम् – चोटी
हिमसरित् – ग्लेशियर (बर्फीला)
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28.धातु वर्ग
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अभ्रकम्- अभ्रक
आयसम्- लोहा
इन्द्रनीलः- नीलम
कार्तस्वरम्, हाटक- सोना
कांस्यम्- कांसा
कांस्यकूटः- कसकूट
गन्धकः- गन्धक
चन्द्रलौहम्- जर्मन सिल्वर
ताम्रकम्- ताँबा
तुत्थाञ्जनम्- तूतिया
निष्कलंकायसम्- स्टेनलेस स्टील
पारदः- पारा
पीतकम्- हरताल
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पीतलम्- पीतल
पुष्परागः- पुखराज
प्रवालम्- मूँगा
मरतकम्- पन्ना
माणिक्यम्- चुन्नी
मौक्तिकम्- मोती
यशदम्- जस्ता
रजतम्- चाँदी
वैदूर्यम्- लहसुनिया
सीसम्- सीसा
स्फटिका- फिटकरी
हीरकः- हीरा
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29.वस्त्राणां नामानि – वस्त्रों के नाम
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अंगरक्षिका- अंगरखा
उनी वस्त्र - रांकवम्
ओढनी - प्रच्छदपट: कंबल - कम्बल: कनात - काण्डपट:, अपटी कपड़ा - वस्त्रम्, वसनम्, चीरम् कमरबन्द - रसना, परिकर:, कटिसूत्रम् कुरता - कंचुक:, निचोल: कोट - प्रावार: गात्रमार्जनी- अंगोछा
गद्दा - तूलसंतर:
गलेबन्द - गलबन्धनांशुकम् चादर - शय्याच्छादनम्, प्रच्छद: जांघिया - अर्धोरुकम् जाकेट - अंगरक्षक: मोजा - पादत्राणम् रजाई - तूलिका, नीशार: रुई - कार्पास:, तूल:
सलवार- स्यूतवरः
साड़ी- शाटिका
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जूता - उपानह
तकिया - उपधानम् दरी - आस्तरणम् दुपट्टा - उत्तरीयम् धोती - अधोवस्त्रम्, धौतवस्त्रम् नाइटड्रेस - नक्तकम् नायलोन का - नवलीनकम् पगड़ी - शिरस्त्रम्, उष्णीषम् परदा - यवनिका, तिरस्करिणी, पायजामा - पादयाम: पेटीकोट - अन्तरीयम् पैंट - आप्रपदीनम् बिछौना - शैय्या ब्लाउज - कंचुलिका मरेठा (टोपी) - शिरस्त्राणम्
रेशमी- कौशेयम्
शेरवानी- प्रावारकम् |
30.सम्बन्ध सूचक शब्दाः
|
|
अग्रज: -बडा भाई
अनुज:, निष्ठसहोदर: -छोटा
भाई
अरिः – दुश्मन
आत्मजः – पुत्र
आत्मजा – पुत्री
आलिः – सखी
आवुत्तः – बहनोई
उपपतिः – जार
गणिका – वेश्या
जनकः – पिता
जननी – माता
जामाता – दामाद
दूती – दूती
देवर: -देवर
ननान्दृ (ननान्दा) -ननद
नप्तृ (नप्ता) -नाती
पति: -पति
पितामह: -दादा
पितामही -दादी
पितृव्यपुत्र: -चचेरा भाई
पितृव्य: -चाचा
पितृव्यपत्नी -चाची
प्रपौत्र:, प्रपौत्री -पतोतरा
(तरी)
परिचारिका -नौकरानी
|
प्रपितामह: -परदादा
पौत्री -पोती
पितृष्वसृ (पितृष्वसा) -फूआ पितृष्वसृपति: -फूफा
पैतृष्वस्रीय: -फुफेरा भाई
बन्धुः
– रिश्तेदार
भागिनेयः – भानजा
भृत्यः – नौकर
भ्रात्रीयः – भतीजा
भातृसुता – भतीजी
मातामह: -नाना
मातामही -नानी
मातुलः
– माना
मातुली – मामी
मातृष्वसृपति: -मौसा -
मातृष्वस्रीय: -मौसेरा भाई
मातृष्वसृ -मौसी
यातृ- देवरानी
योषितः – स्त्री
वयस्यः – मित्र
विश्वस्ता – रण्डा
वृद्धप्रपितामहः – वृद्धपरनाना
श्यालः – साला
श्वश्रूः – सास
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31.सैन्यवर्ग
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अग्निचूर्णम- बारूद
आग्नेयास्त्रम्- बम
आग्नेयास्त्रक्षेपः- बम फेंकना
एकपरिधानम्- एकवेष, यूनिफार्म
गुलिका- गोली
जलपरमाण्वस्त्रम्- हाइड्रोजन बम
जलान्तरिपोतः- पनडुब्बी
धूमास्रम्- टीयर गैस
नौसेनाध्यक्षः- जलसेनापति
पदातिः- पैदल सेना
परमाण्वस्त्रम्- एटम बम
पोतः- पोत
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भुशुण्डिः- बन्दूक
भूसेनाध्यक्षः- भू-सेनापति
युद्धपोतः- लड़ाई का जहाज
युद्ध विमानम्- लड़ाई का विमान
रक्षिन्- सिपाही
लघुभुशुण्डिः- पिस्तौल
वायुसेनाध्यक्षः- वायुसेनापति
विमानम् – विमान
शतघन्नी- तोप
शिरस्त्रम्- लोहे का टोप
सैनिकः- फौजी आदमी
सैन्यवेषः- वर्दी
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32.सर्वनाम वर्ग
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अत्र---यहाँ,
तत्र--वहाँ,
कुत्र--कहाँ,
यत्र--जहाँ,
अन्यत्र---दूसरी जगह,
सर्वत्र---सब जगह,
उभयत्र---दोनों जगह
अत्रैव---यहीं पर,
तत्रैव---वहीं पर,
यावत्---जितना,
तावत्---उतना,
एतावत्, (इयत्)---इतना,
कियत्--कितना,
इतः---यहाँ से,
|
ततः--वहाँ से,
कुतः--कहाँ से,
यतः--जहाँ से,
इतस्ततः---इधर-उधर,
सर्वतः---सब ओर से,
उभयतः--दोनों ओर से,
कुत्रापि---कहीं भी,
तत्रापि – उसमें भी
यत्र-कुत्रापि---जहाँ कहीं भी,
कुतश्चित्---कहीं से,
कदाचित्---कभी,
क्व--कब,
क्वापि--कभी भी, तदा, तदानीम्---तब, उस समय,
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2 टिप्पणियां:
संस्कृत साहित्य के बच्चों के लिए उपयोगी
आपका यह कार्य सर्वथा प्रशंसनीय है । इससे संस्कृत के साम्प्रत संंभाषण किंवा वाग्व्यवहार करने के लिये उत्साहित जनों को बहुत सहायता मिल सकेगी ।
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