रिचर्ड्स का संप्रेषण सिद्धान्त


मूल्य सिद्धान्त के अलावा रिचर्ड्स का दूसरा महत्वपूर्ण सिद्धान्त है ‘संप्रेषण सिद्धान्त’। रिचर्ड्स ने मानव के सामान्य व्यवहार कि वह एक सामाजिक प्राणी है और बाल्यावस्था से ही वह अपने भावों एवं विचारों का संप्रेषण करता रहा है,को आधार बनाकर अपने संप्रेषण सिद्धान्त की प्रतिष्ठा की है। इसी संप्रेषण शक्ति के कारण ही मनुष्य का आज इतना विकास सम्भव हुआ। संप्रेषण मानव के अभिव्यक्ति की सबसे प्राचीन प्रणाली है ।

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मेरा नाम चन्द्रदेव त्रिपाठी 'अतुल' है । सन् 2010 में मैने इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज से स्नातक तथा 2012 मेंइलाहाबाद विश्वविद्यालय से ही एम. ए.(हिन्दी) किया, 2013 में शिक्षा-शास्त्री (बी.एड.)। तत्पश्चात जे.आर.एफ. की परीक्षा उत्तीर्ण करके एनजीबीयू में शोध कार्य । सम्प्रति सन् 2015 से श्रीमत् परमहंस संस्कृत महाविद्यालय टीकरमाफी में प्रवक्ता( आधुनिक विषय हिन्दी ) के रूप में कार्यरत हूँ ।
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